एक कॉलेज गर्ल हॉरर कहानी
Collage Girl Horror Story
AUTHOR BY :- REGAR RAJASTHANI
वो एक सुंदर लड़की थी, जिसका नाम रिया था। रिया कॉलेज की पढ़ाई करती थी और अपने दोस्तों के साथ एक पढ़ाई के ट्रिप पर गई थी. उन्होंने एक छुट्टी के लिए एक पहाड़ी इलाके में एक बड़ी बंगला किराए पर ली. यह बंगला अकेला ही अपने आप में अस्पताल के पास था। रिया को शुरूआत में बंगले में कुछ अजीब लगने लगा, लेकिन उसने ध्यान नहीं दिया और अपनी दोस्तों के साथ मस्ती करने में लग गई।
एक रात, रिया और उसके दोस्त सोने के लिए अपने कमरे में गईं। रात के बादल घने हो गए और एक आवाज़ सुनाई दी - 'तुम्हारा खून चाहिए, मुझे तुम्हारा खून चाहिए'। रिया डर गई और दोस्तों को जगा कर बताया। उन्होंने सोचा कि शायद यह कोई बच्चा हो, जो मजाक कर रहा हो।
पर रात गुजरती गई और वह आवाज़ फिर से सुनाई दी - 'तुम्हारा खून चाहिए, मुझे तुम्हारा खून चाहिए'। रिया डर गई और दोस्तों के साथ
भयभीत होकर रिया और उसके दोस्त अपने कमरे से बाहर निकले और देखा कि कहाँ से वह आवाज़ आ रही है। वे बहुत घबराए हुए थे और सभी कमरों की जांच की, लेकिन वे किसी भी आदमी को नहीं देख सके। इससे और अधिक डर के साथ, वे वापस अपने कमरे में लौटे।
उन्होंने सोचा कि शायद उनके बगीचे में कोई अजीब या भूत प्रेत हो सकता है। उन्होंने दोस्तों को कहा कि हमें जांच करनी चाहिए। सभी मिलकर बगीचे में गए और उन्होंने एक बुरी तरह से ट्रेस की हुई मकड़ी की जाली में एक छेद देखा। वे समझ गए कि वह आवाज़ वहाँ से आ रही है।
रिया और उसके दोस्तों ने आगे बढ़कर एक गुफा देखी, जिसमें सीधा रास्ता मकड़ी की जाली तक जाता था। वे उस गुफा में घुसे और देखा कि वह आवाज़ वहाँ से ही आ रही है। धीरे-धीरे वे गुफा के अंदर चले गए, जहां उन्होंने एक चमकती हुई चीज़ देखी।
वे चमकती हुई चीज़ के पास गए और देखा कि यह एक अत्ययातनाओं से भरी महिला की आत्मा थी। वह रो रही थी और कह रही थी, "मुझे छोड़ दो, मेरी आत्मा को शांति मिले।" रिया और उसके दोस्त घबरा गए और उन्होंने सोचा कि शायद इस गुफा में कोई भूत हो सकता है।
तभी एक बड़ी पुरानी पुस्तक उनके नजदीक गिरी, जिसमें गुफा की पूरी कहानी लिखी थी। रिया ने वह पढ़ी और जाना कि गुफा में कई साल पहले एक बुरी ताकत का साया आ गया था। वह ताकत अपने बल से लोगों का रक्तपात करके जीवित रहती थी।
गुफा के बाहरी हिस्से में एक पूजा स्थल था, जहां उस ताकत का प्रतीक बना हुआ था। रिया ने एक आविष्कार किया - अगर वे उस प्रतीक को नष्ट कर सकते हैं, तो शायद वह ताकत इतनी ताकतवर नहीं रहेगी।
रिया और उसके दोस्तों ने पूजा स्थल के पास जाकर एक युग्म नकेल (मूर्ति) ढूंढ़ी, जिसे वे प्रतीक के रूप में उपयोग कर सकते थे। धीरे-धीरे वे प्रतीक को नष्ट करने के लिए तैयार हुए और एक साथ उसे तोड कर प्रतीक को तोड़ने की कोशिश की। प्रतीक टूटने के साथ ही, गुफा में एक विस्फोट हुआ और बादलों की गरज सुनाई दी। एक तेज़ हवा चली और अचानक सब कुछ अंधकारमय हो गया।
रिया और उसके दोस्त डर के मारे हाथपायी थे। धीरे-धीरे उनके सामने कुछ उजियाला आया और वह देखा कि उनके सामने एक पुरानी और डरावनी संतानी खड़ी है। वह संतानी रिया के पास आई और कहीं आवाज़ में कहा, "धन्यवाद, तुमने मुझे मुक्त कर दिया। मैं यहां कई वर्षों से बंद थी और अपनी मुक्ति का इंतज़ार कर रही थी।"
रिया और उसके दोस्त चौंक गए और संतानी से पूछा, "तुम कौन हो? क्या वाकई तुम एक भूत हो?" संतानी मुस्कान देते हुए जवाब दी, "हां, मैं एक भूत हूँ। मेरा नाम प्रियंका है। यह गुफा मेरे पिताजी की पुरानी प्रार्थनालय थी जहां उन्होंने कई वर्षों तक अत्याचार किया था। मेरी मृत्यु के बाद, मैं इस गुफा में बंद रही। लेकिन आज तुम्हारे प्रयासों से मुझे मुक्ति मिली है। रिया और उसके दोस्त चकित हो गए, लेकिन वे बहुत खुश भी थे कि उन्होंने एक भूत की मदद की थी। प्रियंका ने उन्हें अपनी कहानी सुनाई, जिसमें वह बताई कि उसके पिताजी एक वशीकरण विद्यागुरु थे और उन्होंने बड़े बुरे कर्म किए थे। उनके कर्मों की सजा यह थी कि उनकी आत्मा इस गुफा में बंद रहेगी और उन्हें अनंत दुःख झेलना पड़ेगा।
प्रियंका ने रिया और उसके दोस्तों से विनती की कि वे इस गुफा को बंद कर दें और उस पुराने बुरे युग को समाप्त करें। वे सभी एकजुट होकर उस पूजा स्थल के पास गए और प्रतीक की जगह पर वह युग्म नकेल रख दिया। उन्होंने मिलकर प्रार्थना की और आहुति दी।
तभी गुफा अचानक चमक उठी और एक आदर्श स्वरूप में परिवर्तित हुई। भूतों का दरबार एक शानदार दृश्य प्रदर्शित कर रहा था और वे रिया और उसके दोस्तों के आभारी थे। प्रियंका कहीं गायब हो गई और उसकी आत्मा शांत हो गई।
रिया, उस आदर्श दृश्य के सामरिक रूप से रिया और उसके दोस्तों को गुफा से बाहर निकलने के लिए नकेल का उपयोग करना पड़ा। जैसे ही वे गुफा से बाहर निकले, वहां उन्हें एक शांत और प्रकृति से भरी जगह मिली। उन्होंने एक-दूसरे को देखा और अपने उत्कृष्ट कार्य के लिए धन्यवाद किया।
उन्होंने एक दूसरे को गले लगाया और अपने घर की ओर चले गए, जहां उनके द्वारा उजागर की गई यह दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य एक रहस्य रह गया।
रिया और उसके दोस्त ने इस घटना से सीखा कि कभी-कभी अपराधियों के कर्मों का प्रभाव बहुत देर तक रहता है और उसे नष्ट करने के लिए उन्हें निःसंकोच दिखाना चाहिए। वे दूसरों की मदद करके अपने अच्छे कर्मों के माध्यम से समाज के लिए एक अच्छी सदी बना सकते हैं।
रिया और उसके दोस्तों ने एक दूसरे का हाथ थामते हुए एक संकल्प लिया कि वे अपनी साथी जीवन में सदैव नेकी और पुण्य का पाठ पढ़ेंगे। वे संकल्प के साथ अपनी जीवन यात्रा को जारी रखने के लिए आगे बढ़े। वे अपने आसपास के लोगों की मदद करने, उनकी सेवा करने और उनके साथी बनने का प्रयास करने लगे। वे अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रयास करते रहे, ताकि वे अपनी समाज की सेवा में और बेहतर ढंग से सक्रिय हो सकें।
बीते समय के अनुभव और इस दुर्घटना से प्राप्त ज्ञान ने उन्हें एक मजबूत, संवेदनशील और सामाजिकतापूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण किया। वे जागरूकता फैलाने, बुरे कर्मों को रोकने और नेक कर्मों को प्रोत्साहित करने के लिए लोगों को प्रेरित करने का कार्य करने लगे।
उनकी यात्रा बढ़ती गई और वे बहुत सारे लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सफल हुए। उनकी सामरिक और उदार नीतियों के कारण उन्हें लोगों की सराहना और सम्मान मिला।
इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमेशा अपने कर्मों के माध्यम से समाज की सेवा करना चाहिए। हमारे नेक कर्म हमारे आप को न केवल अच्छे लोग बनाए, बल्कि वे एक नई परिपूर्णता और आनंद का अनुभव करने लगे। वे संगठित कार्यों, ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में अध्ययन करने और कला और साहित्य के क्षेत्र में अपनी रुचि को विकसित करने में जुट गए।
एक दिन, जब वे एक कॉलेज के लिए प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, उन्हें एक अद्भुत और उपयोगी संदेश मिला। यह संदेश एक अनजान व्यक्ति के द्वारा भेजा गया था, जिसने अपना नाम नहीं बताया था। संदेश में लिखा था, "तुम लोग नेक कार्यों की ओर बढ़ो, आपकी सफलता और खुशहाली वहां है जहां आपकी सेवा समाज के लिए होती है। बच्चों को प्रेरित करो, उन्हें मार्गदर्शन दो और सदैव धर्म की रक्षा करो।"
रिया और उसके दोस्तों ने इस संदेश को गंभीरता से लिया और उसे अपनी जीवन की दिशा में एक मार्गदर्शक माना। वे अध्ययन में पूर्णता के साथ समर्पित हुए
0 Comments