Kota Factory: Horror Story in Hindi | Regar Rajasthani

Kota Real Horror Story in Hindi - Kota Factory Hindi Horror Stories 

हेलो दोस्तों, हमारी audience में जितने भी students है यह story उन सभी के लिए dedicated है। यह कहानी एक कोटा के professor की सच्ची कहानी से inspired है। 2011 में विनीत को finally उसकी ड्रीम जॉब मिल गई थी। उसे कोटा के एक फेमस institute में एक टीचिंग फैकल्टी का रोल मिला था। 

    Kota Factory



kota factory teacher faced criminals and scary ghosts

अपना जॉब ऑफर लेटर मिलते ही कुछ दिनों में कोटा पहुँच गया था। मगर दिक्कत की बात यह थी कि उसे रहने के लिए कहीं पर भी कोई फ्लैट नहीं मिल रहा था, क्योंकि वो एक बैचलर था इसलिए ज्यादातर लोग उसे फ्लैट देने में कतरा रहे थे। चार दिन हो गए थे पर विनीत को फ्लैट ही नहीं मिल रहा था। 

Story of horror and mysterious happenings in Kota factory of teacher

लेकिन आखिरकार एक ब्रोकर की हेल्प से उसे एक फ्लैट मिल गया। पर एक अजीब बात ये थी कि जहां उसे दूसरे फ्लैट में अपने बैचलर होने की वजह से इतनी दिक्कत हो रही थी, वहीं ये फ्लैट उसे आसानी से मिल गया था। मगर ज्यादा ना सोचते हुए विनीत ने वो फ्लैट ले लिया। शुरुआत के कुछ दिन बहुत अच्छे बीते। विनीत कोटा के लोगों से घुल मिल रहा था और अपना काम बहुत excitement से कर रहा था। रोज की तरह विनीत अपने lecture खत्म करके घर पहुंचा और थकान होने की वजह से वह सीधा सोने चला गया। लेकिन उस रात कुछ ऐसा हुआ जो कोई सोच भी नहीं सकता था। 

विनीत जब सो रहा था तो उसे अचानक ऐसा लगा कि कोई काला साया उसके ऊपर चढ़कर बैठ गया है। विनीत को ऐसा लग रहा था कि उस साये का चेहरा विनीत के चेहरे के बेहद करीब था। इतना करीब कि विनीत को उसकी सांसे भी अपने चेहरे पर महसूस हो रही थी। विनीत की बेचैनी बढ़ने लगी और अचानक वह हड़बड़ाकर उठ गया। विनीत ने उस कमरे की लाइट जलाई। मगर उस कमरे में विनीत के अलावा और कोई भी नहीं था। खिड़कियां खुली हुई थी और हवा चलने की वजह से कमरे के पर्दे भी तेजी से हिल रहे थे। 

Scary experience of Kota factory teacher: Challenge of spiritual spirits

उस कमरे में एक अजीब सी ठंडक थी, लेकिन विनीत घबराहट के मारे पसीने में तर खड़ा था। उसे लगा कि शायद उसने कोई बुरा सपना देखा है। उसने घड़ी में टाइम देखा तो रात के ढाई बज रहे थे। पर विनीत की आंखों में नींद का कोई नामोनिशान नहीं था। नींद न आने की वजह से वो अपनी स्टडी टेबल पर बैठकर एक किताब पढने लगा और अपनी कल की क्लास के लिए तैयारी करने लगा। लेकिन कुछ ही देर बाद उसे फील हुआ कि जैसे कोई काला साया उसके पीछे मंडरा रहा हो। विनीत ने मुड़कर देखा, मगर वहां कोई नहीं था। रात भर हल्की हल्की आहट के चलते वह बार बार कुछ देर में पलटकर देखता रहा, मगर वहां कोई भी नहीं होता। इसके चलते न वह रात भर सो पाया और न ही पढ़ पाया। विनीत की अगली रातें भी कुछ ऐसी ही। बीती बीच रात फिर वही सपना देखता और उठ जाता और फिर पूरी रात घबराहट में बिता देता। उसे लगने लगा कि शायद वह थोड़ा पागल हो रहा है। 

In the grip of an unknown force: ghosts attack teacher in Kota factory

एक रात जब विनीत घर आया तो उसने देखा कि उसकी सारी किताबें उसके बुकशेल्फ से गिरी पड़ी थी और उसके नोट पर इंक फैली हुई थी। विनीत यह देखकर डर गया। उसने देखा कि उसके कमरे की खिड़की खुली हुई थी तो उसे लगा कि शायद तेज हवा के चलते उसकी किताबें नीचे गिर गई होंगी। वह अपनी किताबें समेटने लगा और वापस उन्हें अपनी टेबिल के ऊपर रखने लगा। लेकिन तभी विनीत को फिर से ऐसा लगा कि कोई काला साया उसके पीछे मंडरा रहा है। जब वह पीछे मुड़ा तो उसके होश उड़ गए। उसने देखा कि एक 16 17 साल की लड़की उसके कमरे के दरवाजे पर खड़ी हुई है और उसे घूर कर देखे जा रही है। 

Darkest Secrets Revealed: The True Horror Story of Kota Factory

उस लड़की के बाल बिखरे हुए थे। आंखों के नीचे बड़े बड़े काले गड्ढे थे और कपड़ों पर धूल जमी थी। उसकी गर्दन पर एक बहुत ही भयानक चोट का निशान था। अचानक उस लड़की ने अपनी गर्दन टेढ़ी की और वह विनीत को देखकर मुस्कुराने लगी। उसकी आंखें भी अचानक ही सफेद पड़ गई और फिर एकदम से वह वहां से गायब हो गई। विनीत को समझ नहीं आया कि उसके साथ अभी अभी क्या हुआ है। उसे लगा कि उसका पागलपन बढ़ता जा रहा है और उसे कोई पागलपन का दौरा पड़ा है और वह यह सब कुछ हैलो सिनेट कर रहा है। वह सहमा हुआ नीचे गार्ड के पास गया, लेकिन गार्ड वहां नहीं था। फिर वह अपनी सोसाइटी के सामने वाले जनरल स्टोर पर गया। पिछले कुछ दिनों में उस स्टोर के मालिक से विनीत की अच्छी बातचीत होने लगी थी। विनीत को ऐसा डरा हुआ देख स्टोर के मालिक ने उससे पूछा कि उसे क्या हुआ है। 

The cost of accepting the challenge: Scary incidents plunge Kota factory teacher into the dark

विनीत ने उसे बताया कि उसका कोटा में मन नहीं लग रहा है और उसे लग रहा है कि धीरे धीरे वह पागल होता जा रहा है। यह सुनकर उस स्टोर वाले ने विनीत से पूछा कि वह सामने वाली बिल्डिंग के कौन से फ्लैट में रहता है। जब विनीत ने अपना फ्लैट नंबर उसे बताया। तो वह एकदम से शॉक हो गया। उसने विनीत से पूछा कि क्या उसे उस फ्लैट के बारे में सब पता है। विनीत को कुछ समझ नहीं आया तो स्टोर वाले ने उसे बताया। विनीत के वहां आने से कुछ साल पहले एक मां अपनी बेटी के साथ उस फ्लैट में रहा करती थी। पर पढ़ाई के प्रेशर की वजह से उसकी बेटी ने उसी फ्लैट में सुसाइड कर लिया था और तब से वह जगह खाली पड़ी है। जब विनीत ने यह किस्सा सुना तो उसका दिल यह सब सुनकर जोरों से धड़कने लगा। मतलब जो भी विनीत इतने दिनों से महसूस कर रहा था, जिस लड़की को उसने अपने दरवाजे पर देखा था। कोई हैलो नेशन नहीं था। सब सच था। विनीत मानो यह सब सोचकर कांप रहा था। लेकिन उस रात फिर से उसे उसी घर में वापस जाना था। वह किसी तरह रात काटने के लिए उस घर में वापस चला गया और अपने कमरे में भगवान की फोटोज रख ली। उसने सोच लिया कि वह सुबह होते ही उस घर से अपना सामान लेकर कहीं और चला जाएगा और यही सोचकर वह नींद की गोली खाकर सो गया। लेकिन अचानक पंखे से कुछ अजीब सी आवाज आने लगी, जिसकी वजह से विनीत की नींद टूट गई। जब उसने अपनी आंखें खोलकर देखा तो उसकी सांसे मानो रुक गई। 

पंखे से उसी लड़की की लाश लटकी हुई थी जो विनीत के उठते ही पलभर में गायब हो गई। उसके बाद विनीत ने न वक्त देखा और न ही किसी सामान की परवाह की। वह चीखता हुआ उस घर से बाहर दौड़ गया। उसने बची हुई रात एक होटल में काटी और अपने मकान मालिक को कॉल करके बहुत सुनाया। अगले ही दिन उसने अपने एक दोस्त की मदद से वह घर खाली किया और वहां से बहुत दूर कहीं रहने चला गया। गाइस कैसी लगी आपको ये कहानी? कहते हैं कोटा एक फैक्ट्री है जहाँ बच्चे पढ़ने आते हैं और उन पर तरह तरह के प्रेशर होते हैं लेकिन सिर्फ कोटा में नहीं हर जगह हमको लाइफ में कई प्रेशर का सामना करना पड़ता है। कभी हमें सक्सेस मिलती है तो कभी हम फेल भी होते हैं। लेकिन जब हम फेल होते हैं तो हमारे पास हमेशा दो रास्ते होते हैं। या तो हम उन फेलियरस के बारे में सोच सोचकर परेशान होते रहें या हम अपने फेलियर से कुछ सीखें और आगे बढ़ें। चॉइस हमेशा हमारे पास होती है।

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