हाथी राजा का भूत
AUTHOR -: REGAR RAJASTHANI
एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में एक गरीब लड़का रहता था। उसका नाम राहुल था। राहुल ने अपने पिताजी की मदद करके अपने परिवार को पालने का प्रयास किया, परंतु उसकी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी। राहुल की चाहत थी कि उसका परिवार खुश और समृद्ध रहे।
हाथी राजा का भूत || Hollywood Hindi Horror Stories
एक दिन, राहुल को अपने गांव में रहने वाले लोगों की बातें सुनने को मिली कि उनके गांव में एक हाथी का भूत रहता है जो रात्रि में गांव में दिखता है। लोग कहानी सुनाते थे कि वह हाथी राजा का प्राणी था, जो जिंदा था लेकिन अजन्मे बच्चे की वजह से उसकी मृत्यु हो गई थी। उसका भूत अब गांव में भटक रहा था और उसकी आत्मा लोगों को डरा रही थी।
राहुल ने यह सुनकर सोचा कि यह सब बकवास हो सकती है, लेकिन वह उस भूत की वास्तविकता को भी जानने के लिए कुछ करना चाहता था। अगली रात, जब सब लोग सो गए, राहुल ने अपनी फ्लैशलाइट लेकर उस भूत की खोज में राहुल अकेले हाथी राजा के भूत की खोज करने के लिए रात के अंधकार में चला गया। वह धीरे-धीरे गांव की सीमा के पास पहुंचा, जहां भूत के आवास के बारे में ज्यादा जानकारी थी। अनुपम वृक्षों के बीच चलते हुए राहुल ने एक विपरीत ऊँची और भयानक चीख सुनी।
राहुल के शरीर में तनाव घुलने लगा, लेकिन उसने अपनी हिम्मत नहीं हारी। वह विपरीत ऊँची चीख के पीछे बढ़ा और देखा कि वहां दीपक नामक गांव का एक बुजुर्ग व्यक्ति खड़ा था। वह व्यक्ति डर से त्रस्त और अशांत लग रहा था।
राहुल ने ध्यान से देखा और उसके सामने देखा कि एक भूरे रंग के हाथी का भूत व्यक्ति के पीछे खड़ा हो रहा था। यह दृश्य राहुल के होश उड़ा दिया। वह सोचने लगा कि शायद यह भूत कोई असली भूत नहीं है, बल्कि कोई धोखेबाजी है।
राहुल ने अपनी हिम्मत इकट्ठी की और धीरे-धीरे व्यक्ति के पास चला गया। वह उसके पास पहुंचते ही व्यक्ति डर कर बोला, "इसे छोड़ दे, यह भूत हमें परेशान कर रहा है।"
व्यक्ति ने राहुल की ओर बढ़ावा किया और कहा, "बेटा, मैं इसे छोड़ नहीं सकता। यह भूत हाथी राजा का आत्मा है और मुझे उसे शांति देनी होगी।"
राहुल आश्चर्यचकित हो गया। वह सोचने लगा कि क्या व्यक्ति सचमुच में भूत को नियंत्रित कर सकता है या यह सब एक झूल था। उसने व्यक्ति से कहा, "कृपया मुझे बताएं, आप कैसे इस भूत को शांत करेंगे?"
व्यक्ति ने शांतिपूर्वक हँसते हुए कहा, "बेटा, हमें हाथी राजा के प्रेम से इसे छुड़ाने की जरूरत होगी। हाथी राजा अपनी मृत्यु के बाद इस दुनिया में अपने प्रेमी के साथ रहना चाहता है। यदि हम उसे इस लोक से जुड़े हुए किसी प्रेमी के पास ले जाएँगे, तो यह भूत शांत हो जाएगा।"
राहुल ने आश्चर्य से पूछा, "लेकिन
राहुल ने व्यक्ति की बात सुनते ही तत्परता से पुस्तक के बारे में अधिक जानने के लिए प्रश्न किया। व्यक्ति ने बताया कि पुस्तक में प्रियंका और हाथी राजा के प्रेम की कहानी, उनके मिलन के संदर्भ में और प्रेमी की अंतिम इच्छा के बारे में लिखी गई है। इसे ध्यान से पढ़कर राहुल वहां पर उपस्थित हुए पुराने राजमहल की ओर चला गया।
राहुल रात के अंधकार में राजमहल पहुंचा। महल के अंदर सूना-सा सुन्दर दिख रहा था। वह व्यक्ति की बातों को याद करते हुए धीरे-धीरे आगे बढ़ा। चंद्रमा की किरणों के बीच वह एक सुंदर फाउंटेन पर पहुंचा जहां एक विशाल बन्दर बना हुआ था।
राहुल ने पुस्तक की पाठशाला से सीखा हुआ मंत्र याद किया और बन्दर के पास गया। वह बन्दर जीवन देने वाले दिव्य मधु से प्राण-प्रदान करता था। राहुल ने धीरे-धीरे उसे निकाला और फाउंटेन के बीच स्थान किया।
तभी आकाश में तेज़ चमक उठी और एक आकर्षक रूप में हाथी राजा का भूत प्रकटमुझे तो कोई हाथी का प्रेमी नहीं पता है। मैं इसे कैसे ढूंढ़ूँ?"
व्यक्ति ने मुस्कराते हुए कहा, "यहां एक पुरानी तो अच्छा होगा कि तुम भी एक कहानी सुनो, राहुल," कहा व्यक्ति ने राहुल से कहा। "एक समय की बात है, एक सुंदर राजमहल में एक युवती रहती थी जिसका नाम प्रियंका था। उसकी जिंदगी उसके प्रेमी हाथी राजा के साथ सुख-शांत बितती थी। प्रियंका और हाथी राजा के बीच का प्रेम अद्वितीय था, वह एक दूसरे के बिना जीने की कला सीख गए थे।"
राहुल दिलचस्पी से सुन रहा था और पूछता है, "लेकिन प्रियंका कहाँ है? और हाथी राजा?"
व्यक्ति के चेहरे पर दुःख छाया और उसने कहा, "प्रियंका हमारे पास इस दुनिया में नहीं है। हाथी राजा उसकी मृत्यु के बाद दुखी हो गया था और इसी दुख के कारण उसका भूत यहां घूम रहा है।"
राहुल ने धैर्य से कहा, "मुझे लगता है मैं जानता हूं कि कहाँ ढूंढ़ा जा सकता है। मुझे वहां जाने की जरूरत है। कृपया मुझे मार्गदर्शन करें।"
व्यक्ति ने राहुल को एक पुरानी पुस्तक के बारे में बताया, जो प्रियंका के प्रिय व्यक्ति द्वारा गया। भूत हाथी राजा बहुत खुश दिख रहा था और धीरे-धीरे राहुल के पास आया। उसने राहुल को आभार व्यक्त किया क्योंकि उसने उसकी आत्मा को शांत किया था।
हाथी राजा भूत ने राहुल को एक स्नेहपूर्ण नजर से देखा और कहा, "धन्यवाद, मेरे प्रेमी के द्वारा मुझे शांति मिली है। तुमने मेरी प्रियंका की कहानी सुनी है?"
राहुल ने मुद्दईयों के साथ हाथी राजा की कहानी सुनी और उसकी विशालता और प्रेम की कथा से प्रभावित हुआ। उसे समझ आया कि भूत हाथी राजा को उसकी प्रियंका की आत्मा की शांति और सुख चाहिए।
राहुल ने हाथी राजा से कहा, "मुझे समझ आ गया है कि तुम्हें अपनी प्रियंका के साथ रहना है। मैं तुम्हें उसे मिलवाने में मदद कर सकता हूँ।"
भूत हाथी राजा की आंखों में आंसू भर आए और उसने राहुल को धन्यवाद कहते हुए सहमति दी। वे दोनों संगठित हुए और एक संयोगी प्रयास के रूप में प्रियंका के आत्मा की खोज करने के लिए निकल पड़े।
वे अनेक चरणो
तक आगे बढ़ते रहे, एक कमरे से दूसरे कमरे तक चलते रहते। राहुल और हाथी राजा के पास जोड़ी-जोड़ी दरवाजे खुलते गए, मगर उन्हें प्रियंका की आत्मा का कोई संकेत नहीं मिला।
थक चुके और निराश हो गए राहुल अकेले वापस लौटने का विचार कर रहा था, जब एक छोटी सी पुस्तक उसकी नजर में पड़ी। उसकी आंखों में चमक उठी और उसने पुस्तक को उठाकर देखा। यह उसी पुस्तक की छाया जो व्यक्ति ने बताई थी।
राहुल अचानक पुस्तक के पन्नों को खोलते ही चमत्कारिक घटना हुई। पुस्तक से जो भी पन्ना खुला, वहां प्रियंका की आत्मा की छवि उभरने लगी। राहुल के हृदय में आशा की किरण जागी और उसने प्रियंका की आत्मा के पास जाने का फैसला किया।
धीरे-धीरे पन्ने पलटते गए और प्रियंका की आत्मा का पता चला। उसकी आत्मा एक गहरे औरंगे कमरे में बंद थी, जिसे राहुल को खोलने के लिए विशेष कौशल चाहिए था।
राहुल ने धैर्य और साहस से अपनी प्रयास शुरू की धीरे-धीरे राहुल ने कमरे के द्वार को खोला और गहरे अंधकार में प्रवेश किया। अचानक उसे एक ठंडक महसूस हुई, जैसे वह किसी अनजान और भयानक शक्ति के पास आ रहा हो। प्रियंका की आत्मा का प्रकट होने का संकेत देते हुए उसे एक विशेष मूर्ति दिखाई दी।
वह मूर्ति उच्चस्तरीय दांव पर थी और राहुल को अपने अंदर खींच रही थी। वह स्वयंक्रिया रूप से उसकी ओर प्रगट होती गई और विचारों की आवाज़ के रूप में उसे बुलाने लगी।
"राहुल, ध्यान दें!" विचारों की आवाज़ बोली। "तुम मेरी आत्मा को छुड़ा सकते हो, पर तुम्हें एक आपातकालीन प्रयोग का सामना करना होगा। यदि तुम उसे सफलतापूर्वक पूरा कर सकते हो, तो मैं तुम्हें मुक्ति देने के लिए तैयार हूँ।"
राहुल ने संकेत पकड़ते हुए कहा, "मैं तैयार हूँ। मुझे बताएं, मैं क्या करूं?"
मूर्ति ने कहा, "इस कमरे के मध्य में एक प्राचीन चक्र है। इसे घुमाकर उसके प्रकाश को एक विशेष स्थान पर ाुचाना होगा। परंतु चक्र घूमाने के लिए तुम्हें अपनी सामरिक क्षमता का उपयोग करना होगा। तुम्हें विभिन्न रहस्यमयी चरणों को पूरा करते हुए चक्र को घुमाना होगा। परंतु सावधान रहो, क्योंकि चक्र में कई परीक्षाएं और आपातकालीन तत्व उपस्थित होंगे। तुम्हें निर्णय और ब्रह्मचर्य की आवश्यकता होगी, क्योंकि एक गलती तुम्हें पीछे ले जा सकती है और अधिक भयानक परिणामों का कारण बन सकती है।"
राहुल ध्यानपूर्वक ध्यान दिया और मूर्ति के दिए गए निर्देशों को समझने का प्रयास किया। चक्र के पास पहुँचते ही उसने विभिन्न चरणों का सामना किया। उसने आत्मविश्वास और सामरिक क्षमता का उपयोग करके चक्र को घुमाना शुरू किया।
प्रत्येक चरण पर, राहुल को भयानक परीक्षाओं का सामना करना पड़ा। वह दुष्ट आत्माओं, भूतों और आपातकालीन तत्वों के सामने खड़ा हो गया। उसने विचारशक्ति, निर्णय और ब्रह्मचर्य का उपयोग करके सभी परीक्षाओं को ूरा किया। वह धैर्य से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता रहा और चक्र को प्रगट्ट करता रहा। चक्र के घूमने के साथ ही राहुल को अनुभूति होती गई कि प्रियंका की आत्मा उसके पास है और उसे उजागर करने के लिए वहीं इंतजार कर रही है।
धीरे-धीरे, चक्र का घूमना धीमा हो गया और राहुल ने एक अंधकारी कमरे में पहुंचा जहां प्रियंका की आत्मा थी। उसे देखकर राहुल के हृदय में उत्साह की लहर उठी। उसने प्रियंका की आत्मा से मुखातिब होने के लिए उसे आवाहित किया।
एक प्रकाशमय आभा उठी और अंधकार से प्रियंका की आत्मा बाहर आई। वह राहुल के पास आकर खड़ी हुई और एक दिव्य स्वर में कहा, "राहुल, तुमने मेरी आत्मा की मुक्ति सफलतापूर्वक हासिल की है। तुम्हारे शौर्य और सामरिक क्षमता का मैं सम्मान करती हूँ। अब मुझे इस अधोलिखित रियासत से मुक्त करके मेरे प्रेमी के साथ अनन्त सुख मिलेगा। धन्यवाद, राहुल!" राहुल की आंखों में आंसू आ गए और वह प्रियंका की आत्मा को धन्यवाद देते हुए बोला, "प्रियंका, तुम्हारे लिए मैं जो कुछ भी कर सकता था, वह मैंने किया है। मुझे गर्व है कि मैंने तुम्हें मुक्ति दिलाई है।"
प्रियंका ने उसे हृदयपूर्वक गले लगाया और बताया, "राहुल, तुम मेरे जीवन का अद्भुत उपहार हो। तुमने मेरी आत्मा को राहत दिलाई है और हमें फिर से साथ होने का मौका दिया है। मैं तुम्हारे आभारी हूँ।"
दोनों ने आपस में एक गहरी मुस्कान साझा की और अपनी खुशियों के आंचल में लिपटकर कहीं खो गए। वे अब हमेशा-हमेशा के लिए साथ थे, एक दूसरे के समर्थक और संगीत के रूप में जीवन में चमक डाल रहे थे।
MORAL -: हमें यह याद रखना चाहिए कि प्यार और संकटों के साथ आपसी सहायता हमेशा हमें उजागर करती है। हमें दृढ़ता, सामरिक क्षमता और धैर्य की आवश्यकता होती है ताकि हम कठिनाइयों से निपट सकें और और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ सकें।
AUTHOR -: REGAR RAJASTHANI
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