Government Hospital | Horror Story | Hindi Horror Stories

भूतपूर्व सरकारी अस्पताल एक अनदेखी अनुभूति Horror Story

The Real Govt. Hospital Horror Story

पिछले कुछ वर्षों में, एक पुराने सरकारी अस्पताल के बारे में अजीबे-ग़रीब Horror Stories फैल गई हैं। इस अस्पताल को छोड़ने वाले कर्मचारियों ने वहां अपरिचित और अनुप्रयोगी तकनीकी उपकरणों, भयानक घटनाओं और भूतों के संग्रह के बारे में बातें की हैं। इस संदर्भ में, मैंने खुद उस अस्पताल का अनुशासनिक दौरा करने का फैसला किया।

"भूतपूर्व सरकारी अस्पताल: एक अनदेखी अनुभूति"


मेरा पहला दिन अस्पताल में उमड़फिर हुआ। दरवाजे के आसपास रहस्यमयी और अजीब रूपों की मूर्तियां थीं। स्वच्छता का ध्यान रखा गया था, लेकिन उस इंतजार भरे वातावरण में कुछ अद्भुत था। मैं अपनी दौड़ती कदमों से अस्पताल के अंदर बढ़ाता हुआ, विभाजक दीवारों द्वारा बंद गलियों में जा रहा था। वहां कुछ अज्ञात महसूस हो रहा था, जैसे अस्पताल अपने गहरे रहस्यों को मुझसे छिपा रहा था। जब मैं एक विराम द्वार के पास पहुँचा, तो मैंने एक दीवार पर लटकती हुई पुरानी तस्वीर देखी। यह एक सुंदर महिला की थी, लेकिन उसके चेहरे पर चिंता और आवाज की तरह कुछ अजीब सा था।
वृद्धा ने मुझसे कहा, "हाँ, मैं तुम्हारी मदद कर सकती हूँ। आओ मेरे पीछे चलो।"
हमने एक वेबसाइट बनाई है जहां लोग अपनी आत्मिक अनुभवों को साझा कर सकते हैं और संगठन के विशेषज्ञों से सलाह प्राप्त कर सकते हैं। हमने एक ऑनलाइन संचार प्लेटफॉर्म भी शुरू किया है जहां लोग अपने संकेतों और अनुभवों को सहजता से साझा कर सकते हैं और एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं।

मैं आगे बढ़ा और विभाजक दीवार के द्वार को खोलकर अस्पताल की अंदरूनी दुनिया में प्रवेश किया। वहां पर्याप्त रोशनी नहीं थी, सिर्फ हल्की लालिमा दीपकों का इस्तेमाल हो रहा था जो कोरिडोर को उजागर कर रहे थे। यह अस्पताल बड़ा ही सुनसान और डरावना लग रहा था।
अचानक, मैं एक विचित्र संकेत ध्यान देता हूँ। दीवार पर एक काले रंग का निशान था, जैसे कोई उसे साहस देने की कोशिश कर रहा हो। मेरे मन में एक अजीब सी अनुभूति उठी, जैसे कि मैं विभाजक दीवार के पास नजदीक आया, मैंने एक ध्वनि सुनी जो कहीं से आ रही थी। यह अवाज गर्भगृह के द्वार पर सुनाई दी। मेरी उत्सुकता में भरा हुआ, मैंने धीरे से द्वार को खोला।
जैसे ही द्वार खुला, मेरे सामने एक दृश्य थम गया। गर्भगृह में काले रंग की दीवारें थीं और एक पुरानी तालाबंदी हुई कुर्सी पर बैठी हुई एक महिला दिखाई दी। उसके चेहरे पर चंदनी के निशान थे और उसकी आँखों में एक दिव्यांगता की झलक थी। मुझे भय और परेशानी महसूस होने लगी।
बिना कुछ कहे, वह महिला मुझसे बात करने लगी। उसकी आवाज घर्षणपूर्ण और आत्माविश्वास से भरी थी। उसने मुझे बताया कि यह अस्पताल किसी अतीत की आत्माओं का आवास स्थान है, जो अब भी इस संसार में जीवित हैं। उसने बताया कि यहां विभिन्न प्रकार के दुष्टात्माएं रहती हैं जो लोगों के साथ खिलवाड़ करती हैं और उन्हें डराने का प्रयास करती हैं। जब वह महिला मुझसे बात कर रही थी, मेरे शरीर में डर और संकट की एक आभा सुनाई दी। मैंने धीरे से पूछा, "तुम कौन हो? क्या तुम यहां अकेली रहती हो?"
उसने धीमी आवाज में कहा, "मेरा नाम वृद्धा है। मैं इस अस्पताल की पहली मरीज़ थी, और यहां मेरे साथ घटी एक अत्याचारी घटना। अब मैं इस अस्पताल की आत्मा बन गई हूँ।"
मेरी दिमाग में भयंकर सवाल उठने लगे। क्या वह सचमुच मर चुकी महिला की आत्मा थी जो अब इस अस्पताल में रह रही थी? क्या उसने सही कहा था कि यहां दुष्टात्माओं का आवास है? जिस तरह मेरे मन में ये सवाल उठ रहे थे, ठीक उसी समय मैंने आवाज सुनी, जो मेरी ओर से आ रही थी।
उस दिव्य आवाज ने मुझसे कहा, "अरे तुम क्या यहां फंस गए? तुम्हें जल्दी से यहां से बाहर निकलना चाहिए। यहां अच्छी आत्माएं बंदी हैं और तुम्हें उनसे बचना होगा।"
मेरे दिल में अजीब सा घबराहट उभरने लगी। अचानक मैं समझ गया कि मैं तुरंत कार्रवाई करने के लिए तैयार हो गया। वृद्धा ने मुझे बताया कि उसे और कई अन्य मरे हुए रोगियों को इस अस्पताल में जीवित रखने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। ये आत्माएं इस संसार में फंसकर बदल गई हैं और अब यहां दुष्टता और प्रेतात्माओं का आवास बन चुका है।
मैंने वृद्धा से कहा, "हमें यहां से बाहर निकलने का एक रास्ता ढूंढ़ना होगा। क्या आप मेरी मदद कर सकती हैं?"

हम दोनों ने संगठित रूप से अस्पताल के गहरे भाग में चलना शुरू किया। मैंने ध्यान से अस्पताल के रूप-रंग को नोट किया। यहां कुछ अजीब घटनाएं हुई थीं। चीखते हुए आवाज़, भयानक छायाएं, और दुष्टात्माओं की भयंकर मुर्दाओं के लिए संकेत बने हुए थे।
धीरे-धीरे, हम एक पुराने तालाबबंदी रूम तक पहुँचे। तालाबबंदी रूम में, एक विचित्र गुटनियों के साथ भरा हुआ था, जिनकी दीवारों पर विभिन्न चिन्हों और प्रतीकों की खींचाई की गई थी। यह लगता था कि ये चिन्ह और प्रतीक एक रहस्यमयी संकेत हैं। मेरी नजर एक बड़े पुराने पुस्तक पर पड़ी, जिसका नाम "दुष्ट आत्माओं की दुनिया" था। इस पुस्तक का पता लगाने के लिए मेरी जिज्ञासा और बढ़ गई।
मैंने वृद्धा से कहा, "क्या आपने कभी इस पुस्तक के बारे में सुना है?"
वृद्धा ने मुझसे कहा, "हाँ, यह पुस्तक दुष्ट आत्माओं की जगह के बारे में जानकारी प्रदान करती है। यहां दुष्ट आत्माएं संकेतों और चिन्हों के माध्यम से अपनी मौजूदगी को प्रकट करती हैं। इस पुस्तक में उन्हें पहचानने और उनसे बचने के लिए तरीके विस्तार से बताए गए हैं।"
मेरे दिल में उम्मीद की किरण चमक उठी। मुझे यकीन हो गया कि इस पुस्तक में हमारे बाहर निकलने के लिए उपयोगी जानकारी होगी। मैंने वृद्धा से कहा, "कृपया मुझे इस पुस्तक की मदददाते हैं ताकि मैं इस संकेतों और चिन्हों की दुनिया के बारे में और अधिक जान सकूँ। वृद्धा ने एक पुरानी गड़बड़ी की पुस्तक निकाली और मुझे दी। मैंने पुस्तक की पन्ने चाहेर रहीं और वहां लिखे अनुवाद को पढ़ने लगा।
पुस्तक में लिखा था, "यदि आप इस दुष्ट आत्माओं की दुनिया से बाहर निकलने की इच्छा रखते हैं, तो आपको उनके संकेतों को पहचानना और उनसे संपर्क करना होगा। ध्यान दें कि ये आत्माएं मायावी हो सकती हैं और आपको उनसे बचने के लिए तैयार रहना होगा। इस प्रक्रिया में आपको धैर्य और सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी। यदि आप सक्षम हैं, तो आप इस दुष्ट आत्माओं की जगह से बाहर निकल सकते हैं और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।"
मैंने पुस्तक को ध्यान से पढ़ा और इस जगह के रहस्यों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की। यह जगह दुष्टात्माओं की संगठन थी, जहां उन्हें विभिन्न तरीकों से मनुष्यों के ऊपर अधिकार जमा करने का मौका मिलता था। यहां कुछ अत्याचारी आत्माएं थीं जो इस दुनिया के नियमों के विरुद्ध काम करती थीं और मानवों को नुकसान पहुंचा रही थीं। यह जगह अन्धकार और भय की आभा से भरी हुई थी। मेरे अंदर दृढ़ता की भावना उभरी और मैंने निश्चय किया कि मुझे इस आत्माओं की जगह से बाहर निकलने के लिए लड़ना होगा।
वृद्धा मेरी संगठन करती देखी और कहा, "तुम बहुत साहसी हो, लेकिन ध्यान दें, यहां कुछ खतरनाक आत्माएं हैं जो तुम्हारे खिलाफ हो सकती हैं। तुम्हें तैयार रहना होगा।"
मैंने वृद्धा को धन्यवाद दिया और उसके साथ आगे बढ़ने के लिए तत्पर हो गया। हमने अस्पताल के आधी रात को चुनी, जब आत्माएं सुस्त थीं और हमें आसानी से आगे बढ़ने का मौका मिलता था।
चलते-चलते, हमने कई अजीब और भयानक घटनाओं का सामना किया। हमें आकर्षित किया गया, भयभीत किया गया और कई आत्माओं के हमलों से बचने में सावधानी बरतते रहे। हम अस्पताल के गहरे भाग में आगे बढ़ते रहे और दिन-रात आत्माओं की विभिन्न आवाज़ों और प्रेतात्माओं की आभा से घिरे रहे। मेरी अंदर एक अनवरत उत्साह था क्योंकि मैंने इस संघर्ष को जीतने का निर्णय लिया था।
हम अंततः एक बंद दरवाजे के सामने पहुँचे, जिसपर विभिन्न चिन्ह और प्रतीक थे। मैंने पुस्तक से याद किए गए संकेतों की जाँच की और बाहर निकलने के लिए सही मार्ग का चयन किया।
दरवाजे को धीरे-धीरे खोलने पर हमारे सामने एक और दुनिया खुली। यह एक प्राकृतिक और शांतिपूर्ण जगह थी, जहां सुरम्य नदियाँ, हरे-भरे वन और आकर्षक प्राकृतिक दृश्य थे। यहां आत्माएं आनंदित और सुरक्षित दिखाई देती थीं।
मुझे गहरी शान्ति की अनुभूति हुई और मैंने वृद्धा को धन्यवाद दिया क्योंकि उनकी मदद से मैंने इस दुष्ट आत्माओं की दुनिया से बाहर निकल लिया। यह अनुभव मेरे जीवन का सबसे डरावना रहा। इस घटना के बाद, मेरी सोच और दृष्टिकोण पूरी तरह से बदल गए। मैंने जान लिया कि दुष्ट आत्माओं की दुनिया में एक अलग महत्व है, जो हमारी सामरिक, मानसिक और आध्यात्मिक सामरिकता का परीक्षण करती है।
मैं वृद्धा को एक आभारी दृष्टि से याद करता हूँ, जो मुझे इस भयानक अनुभव से निकालने में मेरी मदद की। हमने साझा किया कि हम दुष्ट आत्माओं की दुनिया के बारे में अधिक जानकारी और ज्ञान प्राप्त करने के लिए एक संगठन बनाएंगे और अन्य लोगों की मदद करेंगे जो इस जगह में फंस जाते हैं।
जब मैं वापस अपने घर आया, तो मेरी दृष्टि में एक नया संदर्भ आ गया। मैं अब जानता था कि दुष्ट आत्माएं और उनके संकेत न केवल कहानियों में अस्तित्व रखते हैं, बल्कि हमारे आस-पास की दुनिया में भी। मेरे जीवन में एक नया दृष्टिकोण और नया संदेश आया था - संकेतों को पहचानें, ध्यान रखें और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करें। मैं अब एक नया मिशन अपनाने के लिए तत्पर हो गया था। मेरा उद्देश्य था लोगों को जागरूक करना, उन्हें दुष्ट आत्माओं और उनके संकेतों के बारे में जागरूक करना और उन्हें संरक्षण के लिए साथ रहना। मैंने अपनी रचनात्मकता को उजागर करने के लिए एक हॉरर लेखक के रूप में खुद को स्थापित किया। मेरे लेखों में मैं लोगों को आत्माओं की जगहों के बारे में जानकारी देता, संकेतों की पहचान करने के तरीके बताता और सुरक्षा के लिए उपायों की संग्रहशाला प्रदान करता। मेरा लक्ष्य था जितने अधिक लोगों को जागरूक कर सकूं, ताकि वे खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकें।
मेरे लेखों का प्रचार तेजी से फैलने लगा और लोग उन्हें उपयोगी और रोचक पाने लगे। मेरे पास आत्माओं के संगठन की मदद से आत्माओं से जुड़े लोगों की शिकायतों और अनुभवों की बारिश होने लगी। मैंने उनसे संपर्क किया, उनकी समस्याओं को समझा और उन्हें संकेतों और आत्माओं के साथ संबंधित संदेह दूर करने के लिए मदद की। मेरी आत्मिक और मानसिक ताकत बढ़ती गई, और मैं अधिक सकारात्मक और साहसिक बन गया। समय बिताते हुए, मैंने एक विशेषज्ञ टीम को जोड़ा, जिन्हें आत्मिक और प्रेतात्मिक मामलों का विशेषज्ञ माना जाता था। हमने अधिक गहराई से आत्मिक जगहों का अध्ययन किया, उनके संकेतों का विश्लेषण किया और उनसे संबंधित विभिन्न तकनीकी और धार्मिक उपायों का अध्ययन किया।
जब लोग अपनी आत्मिक अनुभवों और संकेतों के बारे में हमसे संपर्क करने लगे, हमने उन्हें सहायता प्रदान की और उन्हें दुष्ट आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति के लिए उपायों का सुझाव दिया। हमने लोगों की सुरक्षा और शांति के लिए अपने आत्मिक और तकनीकी क्षमताओं का उपयोग किया।धीरे-धीरे, लोगों की भरोसा और विश्वास कम होने लगे। वे सुरक्षित और सम्पूर्णता के साथ अपने जीवन को जीने का साहस होने लगा। उन्होंने अपनी आत्मिक और मानसिक शक्तियों को बढ़ावा दिया और दुष्ट आत्माओं के भयंकर प्रभाव से मुक्त होने का अनुभव किया। मेरा मिशन सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा था।
जब लोग अपने आत्मिक अनुभवों को शेयर करने लगे, हमने उनकी कहानियों को एकत्रित किया और एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया। यह पुस्तक लोगों को आत्मिक जगहों की प्राकृतिकता और दुष्ट आत्माओं के प्रभाव के बारे में जागरूक करने का माध्यम बन गई। दूसरी ओर, हमने जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए, जहां हम आत्मिक संकेतों की पहचान करने और उनसे निपटने के तकनीकों पर चर्चा करते थे। लोगों ने इन कार्यक्रमों में भाग लेने के माध्यम से अपनी आत्मिक और मानसिक सामरिकता को विकसित किया और अपनी सुरक्षा में सकारात्मक परिवर्तन देखा।आज, मेरा संघर्ष जारी है। मैं लोगों को आत्मिक सुरक्षा, संकेतों की पहचान, और नकारात्मक ऊर्जाओं के प्रभाव से बचने के लिए जागरूक कर रहा हूँ। मेरा उद्देश्य अब यह है कि मैं दुष्ट आत्माओं और अनुभवों से प्रभावित हुए लोगों की मदद कर सकूं और उन्हें संरक्षित रख सकूं।
मेरा उद्देश्य हमेशा से यही रहा है कि हम एक सुरक्षित, प्रभावित और संतुष्ट जीवन जी सकें, जहां हम दुष्ट आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्त रहें। मेरा मानना है कि आत्मिक जगहों की प्राकृतिकता का ज्ञान और उनके संकेतों की पहचान हमें संकट से बचाने और सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है।

AUTHOR BY:- REGAR RAJASTHANI

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