EVIL DEAD शैतानी भूत | Horror Story in hindi

EVIL DEAD Horror Story

शैतानी भूत: आत्मविश्वास और साहस की हॉरर कहानी 

AUTHOR BY :- REGAR RAJASTHANI

एक डरावनी रात, एक गहरे जंगल में एक बड़ी और भूतों से भरी हुई घर पर काला बादल छाया हुआ था।
जैसे ही रवि, आदित्य, रीता, और तनुजा ने शैतानी मृत्यु के घर के बाहर खड़े होकर देखा, उनकी दिमाग में बिजली सी गिर गई। वे सब अपने आप को रोक नहीं पा रहे थे, लेकिन वे घर की और आगे बढ़ने का निर्णय लेते हैं।


वे घर के द्वार को धीरे-धीरे खोलते हैं और भीतर प्रवेश करते हैं। रूम के अंदर अंधेरा था, सिर्फ एक मशीन की बिजली की दीप्ति थी जो कि एक संजीवनी तांत्रिक रचना पर जल रही थी। वे सभी डर के मारे थे, लेकिन उन्हें उत्साह भी था क्योंकि वे इस घर में भूतों के बारे में कई कहानियाँ सुना थे।

अचानक, रूम के मध्य में एक पुरानी किताब दिखाई दी। रवि ने किताब को ले लिया और इसे खोला। किताब में चमकती हुई लाल रंग की पृष्ठों पर कुछ अजीब और भयानक चित्र थे। चित्रों में एक शैतान की प्रतिमा, खूनी हाथ, और उसके आसपास लेकिन जादुई आइटम दिखाई दे रहे थे
बाकी सभी भीतर प्रवेश करने के लिए उत्सुक हो गए और बाकी सभी भीतर प्रवेश करने के लिए उत्सुक हो गए और वे विचित्र और भयानक किताब के अध्ययन से अग्रसर हो गए। किताब में उल्लेखित था कि यह शैतानी मृत्यु के घर था जहां भूत और भूतपूर्व संबंधी गतिविधियों की उत्पत्ति होती है।
वे धीरे-धीरे घर के कमरों की खोज करते हुए आगे बढ़ते गए। जब वे एक कमरे में पहुंचे तो वहां एक विचित्र महक से घिरी हुई थी। वे महक के पीछे जाने का फैसला करते हैं और वहां एक छोटा सा बॉक्स पाते हैं। रवि ने बॉक्स खोला और उसमें एक छोटी सी मूर्ति देखी, जिसकी आंखें शीतल नीले रंग में चमक रही थीं।
तभी वहां एक भूतपूर्व आवाज़ सुनाई दी, "वह आंखें तुम्हारी हैं। उसे ले जाओ, और उसे सताने वाले शैतान से मुक्ति पाओ।" सभी डर गए, लेकिन रवि ने मूर्ति को उठा लिया और अपने पास रख लिया।
अगले कमरे में, उन्होंने एक भूत को देखा जो उनकी ओर बढ़ रहा था। वे चित्तरंजनी मूर्ति को देखकर सबकी आंखें खुल गईं। उन्होंने ध्यान दिया कि मूर्ति की आंखें चमक रही थीं और वह उन्हें अपनी ओर आकर्षित कर रही थीं। धीरे-धीरे मूर्ति वाला भूत उनके पास पहुंच गया और उसने कहा, "तुम मेरे पास लाए गए हो, मेरी आंखों का उपयोग करके हमें शैतान से मुक्त करो।"
वे सभी दोस्त साथ मिलकर मूर्ति के साथ आगे बढ़ते हैं। रास्ते में, वे अनजाने रास्तों में घूमने लगे और उन्हें घर के अंदर गहरे तालाब और बहुत सारे डरावने कमरों का पता चला। वे लगातार शैतानी आवाज़ों को सुनते रहे और घर के अंदरी रहस्यों का पता लगाने की कोशिश करते रहे।
वे एक कमरे में पहुंचे जहां एक महिला की आवाज़ गूंज रही थी। "मेरी मदद करो!" वह कह रही थी, "शैतान मुझे पकड़ लिया है!" वे दोस्त वहां जाते ही उस महिला की आवाज़ थम गई। जब वे उसके पास पहुंचे तो वे देखा कि महिला अचानक गायब हो गई है। तभी उन्होंने एक विचित्र शव देखा, जो कि बर्फ के समान धूप में चमक रहा था। वे सब डर से थरथरा उठे, लेकिन उनकी करतूत से डर बढ़ाने के लिए शव अचानक जीवित हो गया और अविरामपूर्वक हंसने लगा। रवि और आदित्य ने एक-दूसरे को देखा और वे सब भागने लगे।
वे भागते-भागते एक और कमरे में पहुंचे, जहां एक विचित्र दरवाजा था। उन्होंने उसे खोला और भीतर जा पहुंचे। वहां एक विचित्र पुरानी तस्वीर लगी हुई थी, जो जैसे कि उन्हें उनकी दुश्मनी को दिखा रही थी। वे सब हैरान थे, लेकिन उन्होंने देखा कि तस्वीर की दीवार से नीचे कुछ लिखा हुआ था - "बस एक प्रयोग बाकी है।"
उन्होंने विचार किया और यह निर्णय लिया कि वे उस प्रयोग को करेंगे। वे सब मिलकर एक-दूसरे के हाथ पकड़े और उसी कमरे के बीच में खड़े हो गए। वे बॉक्स के साथ सही संख्या और क्रम में चलते हुए कहानी में आगे बढ़े।
कमरे के बाहर उन्होंने विचित्र एविल डेड के संकेत से एक दूसरे को देखा। रूम के अंदर से भयानक आवाज़ें आ रही थीं, और वे समझ गए कि वे शैतानी शक्तियों के सामने खड़े हैं। धीरे-धीरे उन्होंने अपनी सांसें निकाली और तैयार हो गए अपनी आंखों को और अपने दिल को शुद्ध करने के लिए।
वे एक संकेत द्वारा अपने निशाने पर पहुंचे, जहां एक पुरानी पुस्तक पड़ी हुई थी। पुस्तक के पन्नों के बीच में एक चांदी की कुंडली रखी गई थी। उन्होंने पुस्तक को खोला और कुंडली को लेकर उसे बाहर ले आए।
तभी एक घूर्णन आवाज़ सुनाई दी, "वह कुंडली तुम्हारी है। उसे शैतान से बांधकर उसे बर्बाद करो और हमें मुक्ति दो।" सभी डरे हुए थे, लेकिन उन्होंने अपने आप को संयमित किया और कुंडली को अपने हाथ में लिया।
उन्होंने अगले कमरे में प्रवेश किया, जहां शैतानी भूत खड़े हो रहे थे। वे चित्तरंजनी मूर्ति के पास जा पहुंचे और
कुंडली को उठाकर उसे शैतानी भूत की ओर उठाते हैं। शैतानी भूत उनकी ओर तेजी से बढ़ता है और क्रोधित होता है। लेकिन रवि और आदित्य निश्चित रूप से कार्यवाही में बाधा नहीं होने देते हैं और कुंडली को शैतानी भूत की ओर बढ़ाते हैं।
एक अद्भुत प्रकाश की झलक देखकर, कुंडली अचानक उनके हाथों में से निकलती है और शैतानी भूत को आघात पहुंचाती है। भूत डर से कराहता है और उसकी शक्तियों में एक विस्फोट होता है।
जब धुंधली रोशनी स्थापित होती है, रवि, आदित्य और उनके दोस्त देखते हैं कि घर के भयानक सामरिक रूपों का अंत हो गया है। सभी शैतानी भूत और रक्षस अस्त-व्यस्त हो जाते हैं।
वे सब एक दूसरे की ओर मुस्कराते हैं और आगे बढ़ते हैं। उन्होंने अंतिम कमरे में पहुंचते हुए देखा कि वहां एक पुराना तालाब है, जिसमें एक पुरानी ब्रह्माण्डी आईना स्थापित है।
आदित्य के साथी कहते हैं, "यही हमारी मिट्टी है, आदित्य! हमें इस ब्रह्माण्डी आईने को तोड़कर इस तालाब में डालना चाहिए। यह हमें शैतान से मुक्ति देगा।"
सबके मन में डर और उत्साह एक साथ थे, लेकिन वे एकत्र होकर इस कठिन कार्य को पूरा करने का निर्णय लेते हैं। वे एक साथ मिलकर ब्रह्माण्डी आईने को तोड़ने का प्रयास करते हैं, जबकि शैतानी भूत उन्हें रोकने के लिए अपनी शक्तियों का उपयोग करता है।
उन्होंने शैतानी भूत के आघातों का सामना किया, परन्तु वे एकटक रहते हैं और एक साथ शक्तिशाली टक्कर देते हैं। अंततः, उन्होंने ब्रह्माण्डी आईने को तोड़कर तालाब में डाल दिया।
ताला
ब में आईने के विचार से, तालाब का पानी चमकने लगता है और उसमें सभी शैतानी भूत और रक्षसों की शक्तियां नष्ट हो जाती हैं। घर से एक प्रकाश की तार निकलती है और सभी को बंदरगाह की ओर ले जाती है।
जब रवि, आदित्य और उनके साथी बंदरगाह पहुंचते हैं, वे देखते हैं कि उनके सामरिक रूपों का अंत हो चुका है। सभी देवता और देवीयों का आभास होता है, जो रक्षा कर रहे हैं। धीरे-धीरे, वे घर के बाहर निकलते हैं और सुरक्षित महसूस करते हैं। रवि, आदित्य, और उनके साथी समझते हैं कि उनका काम सम्पन्न हुआ है और अब उन्हें घर से निकलना चाहिए।
वे सभी निकलते हैं, जब एक अंधकारी आवाज़ सुनाई देती है, "तुम्हारी सफलता अभी पूर्ण नहीं हुई है। शैतानअब भी बाहर है।"
सभी व्याकुल हो जाते हैं और वापस घर की ओर दौड़ते हैं। वे एक रूम में पहुंचते हैं, जहां शैतानी भूत उनकी प्रतीक्षा कर रहा है। भूत उनके लिए जटिल मार्गों को बंद कर देता है और उन्हें विचालित करने की कोशिश करता है।
रवि, आदित्य, और उनके साथी सहसा धैर्यवान होते हैं और वे अपने मन को संयमित करते हैं। वे सब मिलकर एक दूसरे का हाथ पकड़ते हैं और एक विशेष मंत्र का जाप करते हैं, शैतानी भूत अचंभित होता है, क्योंकि वह अपनी शक्ति को कम होते देख रहा है। उसकी रोष भरी आँखें चमक उठती हैं और वह आक्रोशित होता है। लेकिन रवि, आदित्य और उनके साथी सभ्यता और शांति के साथ अपना मंत्र जारी रखते हैं।
अचानक, विशालकाय एक रोशनी का टूटना सुनाई देता है और रूम एक दिव्य प्रकाश से भर जाता है। शैतानी भूत की चीखें गरजती हैं और उसकी शक्तियाँ धीमी हो जाती हैं।
रवि, आदित्य और उनके साथी जान लेते हैं कि उनका मंत्र शैतानी भूतको बाधित करने के लिए कारगर सिद्ध हो गया है। वे सब मिलकर अपनी शक्ति और संयम के साथ शैतानी भूत के सामने आते हैं।
रवि कहता है, "तुम्हारी शक्ति अब बास्तव में खत्म हो गई है। तुम्हारी अन्तिम घटना आयी है, शैतानी भूत। हम तुम्हारे अंत को देखना चाहते हैं, तुम्हारी नाश को देखना चाहते हैं।"
शैतानी भूत चिल्लाता है, लेकिन उसकी आवाज़ कमजोर हो जाती है। वह निराश होकर अपनी क्षमताओं को खोता है और आहारित हो जाता है। रवि, आदित्य और उनके साथी एक विजयी भावना के साथ उसके पास जाते हैं।
उन्होंने शैतानी भूत को अपनी देह से अलग करके उसे पार्क के अंदर खींचा है। वहां, एक पवित्र वृक्ष के पास एक पुराना पुरातात्विक पंडित खड़ा होता है। वह पंडित कुंडली को पुरानी पुस्तकों के ज्ञान से पुनर्जीवित करने का रहस्य जानता है।
पंडित कहता है, "रवि और आदित्य, तुम्हारा अंदर्यामी ब्रह्मांड जागृत हो गया है। अब तुम शैतानी भूतको नष्ट कर सकते हो।"
रवि और आदित्य अपनी शक्तियों को एकीकृत करते हैं और पंडित के मार्गदर्शन में कुंडली को शैतानी भूत के ऊपर उठाते हैं। एक तीव्र प्रकाश और ऊष्मा की धारा शैतानी भूत को घेरती है।
शैतानी भूत चिल्लाता है, परन्तु उसकी आवाज़ धीमी हो जाती है और उसकी रूपांतरणीय देह धुंधली होती है। है और वह पूरी तरह से नष्ट हो जाता है। शैतानी भूत की जटिलताओं और अभिशाप से मुक्त होने के बाद, रवि, आदित्य और उनके साथी आपस में गले मिलते हैं। वे एक दूसरे को बधाई देते हैं क्योंकि उन्होंने एक अत्यंत मुश्किल और भयानक संघर्ष से पराजित होकर जीत हासिल की है।
वे सभी घर लौटते हैं, जहां उनके परिवार की उत्सुकता से इंतजार की जा रही है। रवि, आदित्य और उनके साथी अपने अनुभवों को साझा करते हैं और वे जानते हैं कि इस घटना ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया है। वे अपनी साहसिकता, संयम और एकता पर गर्व करते हैं।
शैतानी भूत की अद्भुत कहानी सभी लोगों तक पहुंचती है और उन्हें उनकी बहादुरी की प्रशंसा मिलती है। रवि, आदित्य और उनके साथी जानते हैं कि यह एक महान जीत है, जो उनके लिए हमेशा यादगार रहेगी। वे सभी एक दूसरे को गले लगाते हैं और जानते हैं कि उनका साथीपन और सामरिक योगदान उन्हें हम सदैव याद रखने वाले होंगे। वे धीरे-धीरे अपने घर में प्रवेश करते हैं और अपने परिवार के साथ आनंद से मिलते हैं। परिवारवालों की आँखों में गर्व की चमक दिखाई देती है, और उन्हें उनकी वीरता की कहानी सुनाई जाती है।
जब रात के समय अंधकार छाती है, तब भी रवि और आदित्य अपने दोस्तों और परिवार के बीच आत्मविश्वास और समर्पण का एहसास करते हैं। उन्हें पता है कि जहां भी उनकी आवाज़ सुनाई दे, वहां उनकी संगठनात्मकता और विश्वासयोग्यता की जगह है।
शैतानी भूत की विजय और उनकी खुदाई ने रवि, आदित्य और उनके साथी को आत्मविश्वास और साहस की नई सीमाएं दिखाई है। उन्होंने देखा है कि वे हर संघर्ष को पार कर सकते हैं, हर आवाज़ का सामना कर सकते हैं और हर अभिशाप को नष्ट कर सकते हैं। CLICK HERE
यह कहानी हमें याद दिलाती है कि सच्ची बहादुरी, संगठनात्मकता और सामरिक योगदान हमारे अंदर होता है, हमें अपनी शक्तियों में विश्वास करने की आवश्यकता होती है। हमारे अंदर की वह शक्ति हमेशा हमारे साथ होती है, बस हमें उसे पहचानने की जरूरत होती है। रवि, आदित्य और उनके साथी इस अनुभव से जीवन भर के लिए प्रेरित होते हैं।
जीवन आगे बढ़ता है और रवि, आदित्य और उनके साथी अपने नए लक्ष्यों की ओर बढ़ते हैं। वे दृढ़ता के साथ अपने सपनों की पूर्ति के लिए काम करते हैं और अपने अंदर की विशेष शक्तियों का उपयोग करते हैं।
MORAL :-
शैतानी भूत की कहानी एक बचाव के लिए नहीं है, बल्कि यह हमें यह सिखाती है कि हमारी आत्मा अद्भुत और असीमित है। हमें सिर्फ अपनी शक्तियों का अनुभव करने की आवश्यकता होती है और साहस और संगठनात्मकता के साथ हम जो कुछ भी चाहें, उसे हासिल कर सकते हैं।
AUTHOR BY REGAR RAJESTHANI
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THANK YOU SO MUCH READ MY STORY

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