Hindi Horror Story | Ssshhhh koi hai

Ssshhhh Koi Hai Hindi Horror Story

Ssshhhh phir koi hai Short Horror Story

शशशश... कोई है

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गर्मियों के दिन थे। सूरज अपनी गर्मी बरसा रहा था और हवा में ताजगी फैल रही थी। एक छोटे गांव में रहने वाले विक्रम अपने घर के बालकनी में बैठा था। वह अपने बापूजी की डरावनी कहानियों से बहुत प्रभावित होता था। बापूजी उन्हें हमेशा
 Horror Story सुनाते थेऔर उनकी आवाज में एक अजीब सी कशिश होती थीजो उन्हें उनकी कहानियों में खींच लेती थी। अक्सर रात को सोने से पहलेविक्रम को Horror Story सुनने की आदत हो गई थी।

एक बार, विक्रम अकेले ही अपनी Horror Story के साथ अपने कमरे में बैठा था। उसके बाहर आराम से सब सो रहे थे। अचानक, विक्रम को एक अजीब सी आवाज सुनाई दी। यह शोर बिलकुल रूम के बाहर से आ रहा था। विक्रम की रूह ने एक तुरंत पहचान की। वह आवाज वही थी, जो उसे बापूजी की Horror Story में बहुत सुनाई देती थी। जैसे कि बापूजी ने कभी सुनाया था, "श्ह... कोई है।"

विक्रम के दिमाग में यही बात घूम रही थी। उसने बड़े धैर्य से अपने कमरे के दरवाजे को खोला। कुछ देर चुपचाप खड़े रहने के बादउसने धीरे से बाहर की ओर जाने का फैसला किया। उसने एक दीपक जलाया और वही आवाज फिर से सुनाई दी, "श्ह... कोई है।"

विक्रम की आंखें बड़ी हो गईं और उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। वह अपने कमरे से बाहर निकला और अपने घर के हॉल में चला गया। आवाज अब और भी अधिक सुनाई दे रही थी। यह लग रहा था जैसे वह कहीं पर उसकी ओर आ रही हो।

विक्रम का दिमाग अचानक उस एक दिन की कहानी को याद करने लगाजब उसके गांव में एक रहस्यमय और डरावना घटना हुई थी। उस दिन रात के समयगांव के आस-पास एक अजीब महौल छाया हुआ था। लोग आपस में चर्चा कर रहे थे कि उस रात किसी अनजान शक्ति का उदय हुआ थाजो उन्हें डरावनी आवाज़ सुनाई दे रही थी। कुछ लोगों ने तो दावा किया कि उन्होंने उस रात एक अजीब और भयंकर रूपया देखा थाजिसने उन्हें बिल्कुल पागल कर दिया था। इस घटना के बाद सेवे दरवाजों को ताले से बंद करके सोते थेऔर रात को नहीं उठते थे।

विक्रम को ये बातें याद आईं और उसके होश उड़ गए। यह कैसे हो सकता है कि वह घटना उसके घर के नजदीक ही हुई थीक्या वह सोच रहा है कि वह शब्द उस रात की आत्मा का कोई संकेत हो सकता हैविक्रम के मन में ये सवाल घूम रहे थेऔर उसे खुद को वहां तक ले जाने का दिल चाह रहा था।

धीरे-धीरेविक्रम अपने कदम आगे बढ़ाते गयाआवाज की ओर मुड़ते गया। वह उसकी निगाहों से उसकी गांव की सड़कों की तरफ देख रहा था। सभी बारातें और गाड़ियां तालियों में बंधी हुई थीं। सभी लोग एक जगह जमा थेचप्पलें पहने हुएउम्र साथ लाए हुएधीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे। उन्होंने एक बड़े मंदिर के सामने खड़े होकर रुक गए।

विक्रम ने अपनी गहरी सांस लीऔर उसने वहां कुछ देर खड़े रहकर अपनी दिमागी ताकत को जुटाया। उसने ध्यान से सभी लोगों को देखा और यकीननवह अपने घर वापस नहीं गया था। इसलिएयह बात उसे विचारशील बना रही थी।

आधे घंटे बादमंदिर के पुजारी ने एक विशेष पूजा की घोषणा की। उसने कहा कि वह रात मंदिर में एक विशेष पूजा करने जा रहा हैजिसमें दिव्य प्रकाशमन्त्रों की गूंज और भजनों की महिमा होगी। यह सुनते हीविक्रम के दिल में एक उमंग उठी और उसने तत्परता से मंदिर की ओर चलने का फैसला किया।

जब विक्रम मंदिर पहुंचावह देखा कि मंदिर की महाद्वार कुछ अजीब रूपयों से सजी हुई थी। उसमें ख़ुशबू और फूलों की महक आ रही थी। विक्रम ने अपने दिमाग में वही कहानी याद कीजो उसने बापूजी से सुनी थी। वह सोचने लगा कि क्या यह मंदिर कहीं पर वही जगह हो सकती हैजहां उस रात की घटना घटी थी?

विक्रम धीरे-धीरे मंदिर के अंदर चला गया। मंदिर का माहौल शांत थालेकिन एक अजीब सी ऊंचाई उसे चौंका देने वाली थी। उसे लगा जैसे वह एक अलग दुनिया में पहुंच गया हो। मंदिर के भीतरएक बड़ी मूर्ति प्रतिष्ठित थीजिसे देखकर उसे बड़ा आदर महसूस हुआ।

विक्रम का ध्यान एक छोटी सी श्रद्धालु लड़की पर आकर्षित हुआ। वह देखने में बहुत अलौकिक और सुंदर थी। वह एक बड़े बटन को दबा रही थीऔर उसी समय वह खुद को सुनारी किनारे में डूबती नजर आ रही थी। उसने विक्रम को देखा और उसके पास चली आई। उसने विक्रम का हाथ पकड़ा और उसे पूछा, "क्या आप यहीं से हैं?"

विक्रम हैरानी से मुड़ कर उस लड़की को देखा और बोला, "हाँमैं यहीं से हूं। आप कौन हैं और क्या आप मुझे यहां ले आई हो?"

लड़की ने हल्की मुस्कान देते हुए कहा, "मैं यहां की प्रेत रानी हूं। जबसे आपको यहां का आवाज़ सुनाई देने का संकेत हुआ हैमैं आपको यहां लाने का प्रयास कर रही थी। क्या आप तैयार हैंविक्रम जीक्या आप श्रद्धा करने को तैयार हैं?"

विक्रम की आँखों में विश्वास की किरण जल उठी। वह समझ गया कि यह मंदिर उसे अपने पूर्वजों की आत्मा से मिलाने का स्थान हो सकता है। उसने प्रेत रानी की ओर एक नमस्ते किया और कहा, "हांमैं तैयार हूं। मुझे अपने पूर्वजों की आत्मा से मिलने का बहुत इंतज़ार है।"

प्रेत रानी ने विक्रम का हाथ पकड़ते हुए कहा, "चलिएविक्रम जी। हमें अपने पूर्वजों की आत्मा के साथ मिलने के लिए आगे बढ़ना चाहिए।"

विक्रम और प्रेत रानी ने मंदिर की गहराई में एक अंधेरे रास्ते पर चलना शुरू किया। रास्ता बहुत लंबा और अनुभवशील था। उन्हें कई भयानक और भयंकर दृश्य दिखाई देते थेजिन्हें विक्रम ने अपने जीवन में कभी नहीं देखा था। उनके पास कई संकेत मिलेजिनसे उन्हें यह मालूम हुआ कि वे अपने पूर्वजों की आत्मा के पास पहुंच चुके हैं।

कुछ समय बादविक्रम और प्रेत रानी एक गहरे गुफा में पहुंचे। वहां उन्हें एक महान राजमहल नजर आयाजिसकी दीवारों पर उनके पूर्वजों की चित्रों की पंक्तियाँ लगी थीं। राजमहल में एक दिव्य प्रकाश थाजिसने सभी को चमकाया था। विक्रम के मन में एक अद्भुत शांति की भावना उभर आईजब उसने अपने पूर्वजों को देखा।

विक्रम और प्रेत रानी ने अपने पूर्वजों के साथ बातचीत की और उनकी आशीर्वाद ली। विक्रम ने अपने जीवन के अवसरोंमुश्किलों और खुशियों के बारे में बताया और उनकी मदद और आशीर्वाद मांगा। पूर्वजों ने उसे आशीर्वाद दिया और कहा कि वे हमेशा उसके साथ हैं और उसे सदैव सहायता देंगे।

विक्रम और प्रेत रानी मंदिर से बाहर निकले और वहां उनका स्वागत करने वाली भक्त जनता उनका इंतज़ार कर रही थी। विक्रम ने उन्हें धन्यवाद दिया और अपने गांव की तरफ चले गएजहां उसे उसकी परिवार और दोस्तों ने प्रतीक्षा की थी। वह आपने घर पहुंचा और सभी को बताया कि उसने क्या अनुभव किया था।

Moral -: 👇👇👇

इस अनुभव ने विक्रम को अपने जीवन में नई शक्ति और आत्मविश्वास दिया। वह जान गया था कि विश्वासश्रद्धा और संकल्प से हर संघर्ष को पार किया जा सकता है। इसके बाद सेविक्रम ने एक महान जीवन जीना शुरू किया और अपने सपनों को पूरा करने के लिए हर संघर्ष को स्वीकार किया। उसकी कहानी उसके गांव में लोगों के बीच फैल गई और वह एक प्रेरणास्रोत बन गया।

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