Terrifying Tales: The Scary Pregnant Lady Phenomenon Pregnant Lady-A Horror Story Unveiled

The Pregnant Lady: A Horror Story Unveiling the Dark Secrets of Motherhood

 Introduction: A Journey into Darkness

"Terrifying Tales: The Scary Pregnant Lady Phenomenon" Pregnant Lady-A Horror Story Unveiled
"Terrifying Tales: The Scary Pregnant Lady Phenomenon" 

The anticipation of motherhood is often accompanied by a mix of excitement and trepidation. However, in the case of the pregnant lady in this horror story, her path to motherhood takes an ominous turn. As we delve into her chilling tale, we'll witness the transformation of joy into fear, and the dark secrets that unfold along the way.

गांव में मूसलाधार बारिश रात के अंधेरे में सुनसान सड़क के ऊपर एक तेज रफ्तार कार बड़ी तेजी से आगे बढ़ रही थी कार के अंदर बैठा शख्स काफी टेंशन में लग रहा था क्योंकि उसकी बाजू वाली सीट पर बैठी महिला को लेबर पेन शुरू हो चुके थे

उस आदमी को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचना था क्योंकि डिलीवरी कभी भी हो सकती थी दर्द के कारण वह महिला रो रही थी, चिल्ला रही थी और उसकी बगल में बैठा आदमी उसे धीरज दे रहा था उसकी कार शहर के एक बड़े से अस्पताल के गेट के भीतर दाखिल हुई वह आदमी जल्दबाजी में उतरा और स्ट्रेचर लाने के लिए भीतर गया अपने साथ दो वार्डबॉय को लेकर आया और उसने कार का दरवाजा खोला और गाड़ी के भीतर वह महिला नहीं थी 

वह हैरान हो गया लगता है आपके अस्पताल के कर्मचारि उन्हें दाखिल करने अंदर ले गए होंगे दोनों वार्डबॉय और वह आदमी बहुत तेजी से अस्पताल में उसे तलाशने लगे हर कमरे की तलाशी ले ली गई सीढ़ियां चढ़कर हर माले पर देखा, लेकिन वह औरत कहीं पर भी नहीं थी काफी तलाश करने के बाद वार्डबॉय ने उस आदमी से पूछा सर, क्या वह आपकी पत्नी थी? 

Pregnancy: A Time of Joy and Fear

Pregnancy is meant to be a time of joy and anticipation. Yet, for the pregnant lady, it becomes a period marked by an underlying sense of fear. With each passing day, she feels the weight of the unknown, and the uneasiness settles deep within her soul.

उसने परेशान नजरों से इधर उधर देखते हुए कहा, नहीं वह सड़क किनारे एक पत्थर पर बैठकर गाड़ी को हाथ रोकने की इशारा कर रही थी मुझे उसकी हालत का अंदाजा आ गया, इसलिए मैंने उसे अपनी गाड़ी में ले लिया और अस्पताल ले आया मतलब आपका भी सामना उस आत्मा से हो गया आत्मा से तुम कहना क्या चाहते हो? उस pregnant lady की कहानी यहां का बच्चा बच्चा जानता है अगर आप इन बातों पर यकीन नहीं करते तो मैं आपको डराऊंगा नहीं आपसे पहले भी कई राहगीर उस महिला को हमारे अस्पताल लेकर आने का दावा करते हैं

वैसे आपको जाना कहां था? मुझे जाना तो कहीं और था, पर उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए इस रास्ते पर आ गया अब मैं चलता हूं इतना कहकर वह अपनी गाड़ी में बैठा और दोबारा अपनी मंजिल की तरफ जाने लगा सड़क से गुजरते हुए वह एक चौराहे के पास पहुंचा यह वही चौराहा था, जहां से मुड़कर उसे दूसरी तरफ जाना था पर उस महिला की वजह से उसे शहर जाना पड़ा कौन होगी वह औरत? जाने दो, इतना क्या सोचना है 

अपने हाथ से बुदबुदाते हुए गाड़ी पीछे लेने के लिए स्टेयरिंग घुमाकर पीछे देखा तो खून से लथपथ महिला उसकी गाड़ी की पिछली सीट पर बैठी उसे घूरे जा रही थी वह डरावने दृश्य देखकर उसके रौंगटे खड़े हो गए गाड़ी रोककर वह झट से नीचे उतरा और दूर हट गया उसे कार का दरवाजा खोलने की हिम्मत नहीं हो रही थी 

खुद को संभालते हुए वह आगे बढ़ा और कार का पिछला दरवाजा खोलने लगा दरवाजा खोलकर वह झट से दूर हट गया और नीचे झुक कर पिछली सीट पर नजरें घुमाई वहां कोई नहीं था और तभी एक कार और horn बजाते हुए वहां से निकल गई जो कुछ भी हो रहा था, सब उसकी कल्पना से परे था वह रात भर बाहर रुका पर इस तरह का अनुभव कभी नहीं हुआ पर आज यह सब देखकर उसे डर लगने लगा था बिना कुछ सोचे वह गाड़ी में बैठा और वहां से तेजी से निकल गया अगले दिन वह ऑफिस में बैठा जरूर था, पर उसका ध्यान कहीं और था सब अपने अपने काम में मशगूल थे पर उसके दिमाग में कल रात की डरावनी घटना घर करके बैठी हुई थी 

The Pregnant Lady: A Horror Story Unveiling the Dark Secrets of Motherhood
"Terrifying Tales: The Scary Pregnant Lady Phenomenon" Pregnant Lady-A Horror Story Unveiled 

उसे इस तरह खामोश बैठा देखकर उसकी एक सहकर्मी राधिका जो उसे पसंद करती थी, वह उसके पास कुर्सी पर आकर बैठ गई क्या सोच रहे हो? उसकी बात सुनकर वह झट से अपने खयालों से बाहर आया अरे राधिका, तुम बोलो ना सुबह से न हाय हैलो किया, न एक बार भी पीछे मुड़कर देखा बस गुमसुम से बैठे हुए कोई और मिल गई है क्या? तुम कुछ भी बोलती रहती हो इतने खोए हुए लग रहे हो? मतलब जरूर किसी लड़की का चक्कर है यार! बोलो ना, क्या बात है कल घर में पूजा रखी है सबको बता दिया है तुम्हें भी आना होगा और वैसे भी कल छुट्टी है

तो नो एक्सक्यूज कहते हुए राधिका ने उसकी तरफ देखा तो वह अभी भी कुछ सोच रहा था उसका ध्यान बिल्कुल भी राधिका की तरफ नहीं था उसे इस तरह देख राधिका ने पूछा क्या बात है? तुम कुछ ज्यादा ही परेशान लग रहे हो कुछ हुआ है क्या? वह कुछ पल खामोश बैठा रहा और एकदम से राधिका की तरफ देखकर बोला, तुम भूत प्रेत, भटकती आत्मा इन सब बातों पर यकीन करती हो अचानक तुम्हें क्या हो गया? हमेशा मजाक मस्ती करने वाला इंसान एकदम से भूत प्रेतों की बात कैसे करने लगा? यार मैं मजाक नहीं कर रहा हूं 

प्लीज बताओ क्या तुम भूत प्रेतों पर यकीन करती हो? क्या तुमने किसी से उनके बारे में सुना है? सुना तो है, मगर मैं खुद यकीन नहीं करती वैसे हुआ क्या है? तुम यकीन नहीं करोगी कल रात मैंने किस तरह की शक्ति का सामना किया है किस तरह की शक्ति का सामना किया, कुछ साफ सा बोलोगेउसकी बात सुनकर उसने आंखें बंद कर अपना सर दोनों हाथों से पकड़ा और टेबल पर सिर रखकर वैसे ही बैठा रहा सबकुछ शांत लग रहा था पर अगले ही पल उसके कानों में अजीब सी आवाज गूँज उठी आवाज किसी छोटे बच्चे के हंसने की आवाज उसने ऊपर देखा तो पूरा ऑफिस खाली पड़ा था छत पर कई सारी ट्यूबलाइट्स में से कुछ बंद चालू हो रही थी 

केवल एक पल में बदल चुका मंजर देखकर उसकी सांस अटक गई दोबारा उसे किसी बच्चे के खिलखिलाने की आवाज सुनाई दी उसने झट से मुड़कर आवाज की तरफ देखा एक तरफ कुछ दूरी पर बाथरूम था, फिर वहां की लाइट बंद होने के कारण कुछ साफ नजर नहीं आ रहा था उसने गौर से देखा तो वहां कोई बाथरूम के अंदर से उसी को झांकता नजर आया उसका दिल जोर जोर से धड़क रहा था फिर भी हिम्मत जुटाकर वह बाथरूम की तरफ जाने लगा बाथरूम के भीतर की लाइट चालू बंद हो रही थी 

जिसकी वजह से कभी अंधेरा तो कभी उजाला हो जाता वह बाथरूम के दरवाजे के पास पहुंच गया था उसने आधे खुले दरवाजे से अंदर झांककर देखा पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा था तभी उसे अपने पीछे किसी के होने का एहसास हुआ जैसे पीछे खड़ा कोई उसके काफी करीब पहुंच चुका था डर के कारण उसकी गर्दन पर जमा पसीने के ऊपर पीछे खड़े शख्स की सांसों का एहसास हो रहा था वह इतना डरा हुआ था कि उसे खुद अपने दिल की धड़कन साफ साफ सुनाई दे रही थी 

गला पूरी तरह से सूख चुका था पीछे से आ रहा वह डरावना एहसास उसकी बर्दाश्त के बाहर हो गया उसने हिम्मत जुटाई और पीछे मुड़कर देखा तो पीछे तो कोई नहीं था पूरा ऑफिस बिल्कुल खाली पड़ा था उसकी जान में जान आ गई गहरी सांस लेकर उसने सामने बाथरूम की तरफ देखा और पलभर में अंदर से एक काला साया उसके ऊपर झपटा एकदम से वह होश में आ गया राधिका अभी भी उसके सामने बैठी उससे पूछ रही थी 

तुम बताओ ग नहीं तो हमें पता कैसे चलेगा कि तुम्हारे साथ क्या हुआ है? ऑफिस खत्म हो गया था एक एक करके सारे सहकर्मी ऑफिस से जाने लगे राधिका की बताई हकीकत सुनकर उसे भी काफी बुरा लगने लगा था उसकी आंखें नम हो गई थीं बगैर कुछ बोले उसने अपनी बैग उठाई और ऑफिस से जाने लगा अपनी कार निकाली और अपने घर जाने लगा आवाजा काफी कम थी घर पंहुचा और सारी घटनाएं उसके दिमाग में किसी बवंडर की तरह घूमने लगी वह बेड पर लेटा जरूर था, पर उसे नींद नहीं आ रही थी रह रह कर उसके सामने उस बेबस औरत का चेहरा आ रहा था 

वह उठकर बैठ गया उसने टेबल पर रखी चाबियां उठाई और घर से बाहर निकला कार लेकर वह दोबारा शहर की तरफ जाने लगा कुछ ही देर में वह उसी जगह पहुंच गया था, जहां कल रात उस महिला को लिफ्ट दी थी पल भर वहीं रुका रहा इलाका काफी सुनसान और घनी झाड़ियों से घिरा हुआ था दिन के वक्त जो गाड़ियां हर दो मिनट में गुजरती थी 

रात के वक्त वह बिल्कुल न के बराबर हो जाती अपनी गाड़ी में वैसे ही बैठा रहा गाड़ी के दोनों तरफ के शीशे नीचे कर दिए थे वह कभी सिर के ऊपर लगे शीशे पर पिछली सीट पर नजर डालता तो कभी दोनों खिड़कियों से बाहर देखता अगले कुछ मिनट तो गहरा सन्नाटा पूरे इलाके में छाया रहा अगले ही पल सामने वाले शीशे पर ऊपर से घने बाल नीचे सरकते हुए नजर आने लगे यह देख उसकी जान हलक तक आ गई और फिर आधा चेहरा ऊपर से अंदर झांकता उसने गाड़ी शुरू की और तेज रफ्तार से यूटर्न लेते हुए घर की तरफ दौड़ाई सुबह हो चुकी थी अच्छी तरह तैयार होकर वह अपनी गाड़ी में बैठ गया राधिका के घर जाना था वह भी राधिका को मन ही मन पसंद करता था आज घर में पूजा भी थी तो जो अच्छा मौका था उसे अपनी दिल की बात बताने का पर रह रहकर वह डरावनी बात उसके दिमाग को परेशान कर रही थी अगर राधिका हां बोलेगी तो उसके साथ यह शहर हमेशा के लिए छोड़कर कहीं दूर चला जाऊंगा राधिका के घर पहुंचा तो लोग बैठकर खाना खा रहे थे 

टेबल पर रखी एक तस्वीर को लोगों ने काफी फूलमालाएं चढ़ाये थे शायद राधिका के घर में किसी की बरसी थी उसे देखकर राधिका दौड़ते हुए आगे आई और बोली तुम्हारा आना आज मेरे लिए सबसे इंपॉर्टेंट है आज मेरी मां की चौथी बरसी है उसका हाथ पकड़कर वह अपनी मां की तस्वीर के सामने ले गई राधिका अपनी मां की तस्वीर के सामने हाथ जोड़े आंखें बंद करके खड़ी थी उस तस्वीर को देखकर उसे समझ आ गया कि जिस pregnant औरत की आत्मा को उसने लिफ्ट दी थी, वह राधिका की ही मां थी वह हैरान हो चुका था, पर अगले ही पल उसने खुद को संभाल लिया उसने पॉकेट में हाथ डालकर एक छोटी सी अंगूठी निकाली और तस्वीर के सामने ही राधिका की उंगली में पहनाते हुए कहा, सासू मां, आपकी बेटी से बहुत प्यार करता हूं 

और शादी करना चाहता हूं आपका आशीर्वाद चाहता हूं राधिका ने आंखें खोलकर उसकी तरफ देखा और वह आंखें बंद करके राधिका की मां की तस्वीर के सामने हाथ जोड़े खड़ा था और राधिका की आंखों से खुशी के आंसू बहने लगे 

उसने टेबल पर से पानी की बोतल उठाई और दो घूंट पीकर गहरी सांस ली राधिका की तरफ देख कर बताने लगा, अरे कल रात हमारे ऑफिस की पार्टी थी ना, तो तुम लोग चले गए और मैं थोड़ी देर रुका रहा करीब 11:00 बजे यहां से घर के लिए निकला शहर से थोड़ी दूर पहुंचा तभी मुझे सड़क के दूसरी तरफ एक औरत पत्थर पर बैठी नजर आई जो लगातार गाड़ियों को रोककर मदद मांग रही थी मैंने आगे जाकर यूटर्न लिया और उस औरत के पास जा पहुंचा तो पता चला कि वह नौ महीने की pregnant है और उसको लेबर पेन शुरू हो चुके हैं मैंने बिना कुछ सोचे समझे उस औरत को अपनी गाड़ी में बिठाकर दोबारा शहर लौटा और अस्पताल में ले आया फिर जब हम अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि वह औरत गाड़ी में नहीं थी

उसकी बात सुनकर राधिका ने मजाक में कहा मतलब तुमने उस प्रेग्नेंट लेडी के भूत की मदद की है तुम पहले शख्स नहीं हो कई लोगों ने अनुभव किया है वो औरत जिसे तुमने लिफ्ट दी थी उस औरत को दो बेटियां थी और तीसरी बार pregnant थी और उसके घरवालों को बेटा चाहिए था और जब रिपोर्ट में उन्हें पता चला कि इस बार भी उन्हें बेटी होने वाली है तो उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया उन्हें अपनी जायदाद के लिए वारिस चाहिए था उसे अपने रास्ते से हटाने की हर मुमकिन कोशिश करने लगे पर लोगों का शक न जाए, इसीलिए सोच समझकर काम कर रहे थे रात होते होते उस औरत को लेबर पेन शुरू हो गया

पर जानबूझकर घरवालों ने उसे अस्पताल नहीं पहुंचाया वो रोती रही अस्पताल ले जाने के लिए हाथ जोड़ रही थी रात करीब 02:00 बजे उसे अस्पताल के लिए ले जाने लगे रात का समय होने के कारण सड़क बिल्कुल खाली थी सुनसान इलाका और सड़क के दोनों तरफ झाड़ियां देखकर उसके पति ने उसकी तरफ का दरवाजा खोला और चलती गाड़ी से उसे धक्का देकर फेक दिया अगले दिन किसी राहगीर को वह औरत सड़क के किनारे गड्ढे में पड़ी नजर आई पास में उसकी बेटी भी थी दोनों मर चुकी थी और उसकी दो बाकी बेटियां उन्हें कौन पालने वाला एक दिन उनका बाप एक बड़े घर की चौखट पर उन दोनों को बिठाया जो अनाथ आश्रम था और चॉकलेट लाने गया और कभी वापस नहीं आया

Conclusion: A Tale of Resilience and Love

The pregnant lady's story serves as a reminder that motherhood, while often fraught with challenges, is a testament to the strength and resilience of the human spirit. Despite the terrors that beset her, she emerges as a warrior, ready to face the unknown for the sake of her child. This tale stands as a testament to the unbreakable bond between a mother and her child.

FAQs

1. Is "The Pregnant Lady" based on a true story? No, "The Pregnant Lady" is a fictional horror story created to captivate readers with a chilling narrative.

2. Are there any supernatural elements in the story? Yes, the story incorporates supernatural elements to enhance the horror aspect and create a sense of suspense.

3. Does the story have a happy ending? Yes, despite the challenges faced by the pregnant lady, the story ultimately ends on a hopeful and uplifting note.

4. What inspired the creation of "The Pregnant Lady"? "The Pregnant Lady" draws inspiration from the universal fears and anxieties associated with pregnancy, as well as the elements of horror fiction.

5. Can I share "The Pregnant Lady" with others? Absolutely! Feel free to share this spine-tingling tale with friends, family, or anyone who enjoys a good horror story.

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