Dakini: Part-1 Disclosing The Brutal Truths About The Paranormal Beings | Horror Story

Unravelling the Dark Legends and Myths in Dakini Horror Story

The horror story Dakini

Dakini: The Terrifying Entity: An Introduction

Stories of scary monsters in the paranormal have fascinated and horrified humans for generations. The dakini stands out among these animals as a powerful and intriguing being that has captivated the imagination of cultures all around the world. The dakini is a formidable entity who is frequently mentioned in horror and supernatural tales. She is considered to have enormous strength and an enigmatic personality.

अमावस्या की काली रात थी  शहर से बहुत दूर एक निर्झर पहाड़ी के शमशान भूमि में उसने जमीन पर कुछ ज्यामितीय आकृतियां खींचकर उन्हें मानव खोपड़ी, सिंदूर, नारियल, तेल, रक्त पुष्प, अक्षत रखे हुए थे

The Horror Story Dakini
The Horror Story Dakini


  आंखे बंद करके वह मंत्र बुदबुदा रहा था  बीच बीच में वह खोपड़ी के ऊपर अक्षत, सिंदूर और पुष्प चढ़ाता तो खोपड़ी खुद ब खुद अपने स्थान पर कंपन करने लगती  उसे देखकर ऐसा लग रहा था वह किसी बहुत बड़ी शक्ति को सिद्ध करने का प्रयास कर रहा है

  उसे इसी तरह साधना में लीन बैठे चार घंटे बीत चुके थे  अचानक शमशान भूमि के आसपास का माहौल बदलने लगता है  अभी तक आसमान में चमकते तारे भी मानो अब डर से बादलों की ओट में दुबक गए थे  एकाएक वहां तेज आंधी चलने लगी  किंतु साधक पर उस आंधी का कोई प्रभाव नहीं पड़ा  उसके माथे पर चिंता या भय की कोई लकीर नहीं उभरी  आसपास के पेड़ इस भयंकर आंधी में टूट टूट कर गिर रहे थे, किंतु उसकी साधना की शक्ति ऐसी थी कि जमीन पर बिछाए उसकी तंत्र साधना का एक भी सामान टस से मस नहीं हुआ  देखते ही देखते वहां मूसलाधार बरसात शुरू हो गई  साधक अभी भी लगातार अपने मंत्र बुदबुदा रहा था  आंधी और बरसात के साथ वहां का तापमान शून्य जितना ठंडा होने लगा था

  एक लंगोट के अतिरिक्त साधक के शरीर पर कोई वस्त्र नहीं थे  हाड़ कंपाती ठंड में भी वह भावशून्य से अपनी साधना में लीन था  ठंड से उसका शरीर नीला पड़ रहा था, किंतु उसके चेहरे पर अभी भी कोई भाव नहीं आ रहे थे

  तभी वातावरणमें एक साथ कई सारे प्रेतों के हंसने रोने की भयानक आवाजें गूंजने लगी  अब तो श्मशान के दूसरे छोर पर गुप्त कैमरा लगाकर वीडियो रिकॉर्ड करते अनिल के हाथपांव भी ठंडे पड़ने लगे थे  उसने कैमरे में देखा तो उसे अघोरी साधक के आसपास बहुत सारी भयानक आकृतियां घूमती नजर आने लगी  इससे आगे रिकॉर्ड करने की हिम्मत बनाए के अंदर नहीं बची थी  उसके हाथ पैर कंपकपा रहे थे, लेकिन इस समय वह वहां से बाहर भी नहीं निकल सकता था

  क्योंकि हर तरफ प्रेत घूम रहे थे और किसी भी सामान्य व्यक्ति का खुली आंखों से प्रेत देख लेना  खून जमा देने के लिए काफी होता है  अनेक ब्लॉगर था अपने यूट्यूब चैनल पर अद्भुत घटनाओं को दिखाने के कारण उसके पास तीन मिलियन से भी ज्यादा सब्सक्राइबर थे  अभी तक उसने अपने चैनल पर कई सारे ढोंगी तांत्रिक ओझाओं का पर्दाफाश किया था

  उसके दिमाग में हर समय यही चलता रहता कि कैसे उसका चैनल ट्रेंडिंग है  यार अमित, मेरे पास एक आइडिया है  तुझे पता है इस साल महाकुंभ लगने वाला है  वैसे भी यह 12 साल में एक बार लगता है  क्यों न हम लोग भी जाकर वहां विडियो रिकॉर्ड करें  मैंने सुना है बड़े बड़े साधु तपस्वी कुंभ में जरूर आते हैं  अरे यार, यह हमारे चैनल के लिए कुछ अलग होगा  क्या कहता है? अरे यार, मुझे तो तेरा यह आइडिया उतना हैपनिंग नहीं लग रहा है 

 कौन देखेगा तेरा महाकुंभ? यूथ को इन सब में कोई इंटरेस्ट नहीं है  अरे, जहां तक मैं सोच रहा हूं तो वहां तो पहुंच ही नहीं रहा है  तो बस सामान बाद हम चल रहे हैं बस, अनिल और अमित महाकुंभ से ब्लॉगिंग करने के लिए  कुमुद राज पहुंच गए थे नदी किनारे पहुंचकर उन्हें कई सारे जटाधारी साधु लंगोट पहने दिखाई दिए  उनके हाव भाव, रहन सहन कुछ अजीब सा था

  अमित देख वो सब साधुसंत उधर बैठे हैं  मैं उनसे बात करने जा रहा हूं  तो चुपचाप रिकॉर्ड कर लेना बस  अरे भाई, मुझे तो उन्हें देखकर ही डर लग रहा है  क्या क्या करता है? तो इस ब्लॉगिंग के चक्कर में लेने के देने न पड़ जाए कहीं  अमित की बात को इग्नोर करते हुए अनिल बाबा के पास पहुंच जाता है  बाबा, आपने वस्त्र क्यों नहीं पहन रखे हैं? यह आपके समाज का कोई विशेष रिवाज है क्या? हम अघोर पंथी हैं  यह दिशा ही हमारे वस्त्र है और शमशान भूमि हमारा घर है

 आप लोगों का मन नहीं करता हमारे जैसे फैशनेबल ड्रेस पहनने का, मोबाइल चलाने का  तुम मोह के बंधन में फंसे अज्ञानी बालक हो  हम साधक हैं, तपस्वी हैं  हमारे ज्ञान और विवेक को समझना तुम्हारे बस का नहीं है  बाबा प्लीज डोन्ट माइंड मतलब गुस्सा मत करिएगा  वैसे क्या साधना किया आपने? और एक्चुअली ये साधना कुछ होती भी है या आप लोग वैसे ही  इतना कहकर अनिल ने हंसते हुए बाबा को शरारत से आंख मार दी है  तेरी अज्ञानता भरी बातों से मुझे क्रोध नहीं आएगा

  बालक क्रोध तो मेरे लिए बहुत अच्छी चीज है  आज तो मैं dakini को साधने वाला हूं  क्या कहा dakini वह क्या होती है, क्या बला है ये? आगे के प्रश्नों के उत्तर देने की जगह बाबा ने कुछ पल तक क्रोध भरी नजरों से अनिल को घूरा और फिर वहां से उठकर चल दिए  ये सब क्या बचपना है यह सिद्ध महापुरुष  इनसे इस तरह की बातें नहीं की जाती  भाई श्राप दे दिया ना तो बस गई भैंस पानी में  अब तो यह सोच अपने चैनल पर जब ये वीडियो आएगा तो धमाल मच जाएगा अपना काम ऐसा यार  और अब मैं यही रुकने वाला हूं  आगे के एपिसोड भी यहां से शूट करके ही जाऊंगा 

 भाई मैं इन सब से बाहर हूं तू अपना देख ले वीडियो बनाने के लिए मैं अपने धर्म का यूं मजाक नहीं बना सकता और मेरा सजेशन मान भी चल यहां से  मुझे तेरी जरूरत नहीं है तू बस एडिटिंग का काम संभाल  वीडियो शूटिंग मै करूंगा  क्या करने वाला है? तो आज रात को मैं बाबा का पीछा करूंगा और उसकी साधना करते समय वीडियो रिकॉर्ड करूंगा  अब पूरा भारत देखेगा कि dakini कैसे सिद्ध होती है  अनिल के सिर पर बस अपने चैनल को ट्रेंड करवाने का भूत सवार था

  अमित के समझाने पर भी वह उसकी कोई बात सुनने को तैयार नहीं था  आधी रात को बाबा अपने कैंप से निकलकर श्मशान भूमि की ओर बढ़ गए  धीमे कदमों से उनके पीछे पीछे हो लिया  वहां पहुंचकर बाबा ने पहले अपनी पूजन सामग्री को मंत्रों से सिद्ध किया और फिर वे dakini मंत्र साधना में लीन हो गए  अनिल के पसीने तो खोपड़ी को हिलता देखकर ही छूट गए थे  फिर भी वह हिम्मत करके वहां रुका हुआ था  अपने चारों और प्रेतों को यों घूमता देखकर प्रेतों को बहुत डर लग रहा था

  उसका हाल भय से सूखने लगा था  एकाएक उसने देखा कि बाबा के सामने एक बहुत ही भयानक आकृति उभरने लगी  धीरे धीरे वह आकृति एक स्त्री में बदल रही थी  वह स्त्री तकरीबन आठ फीट लंबी थी  उसके खुले लंबे बाल हवा में लहरा रहे थे  स्त्री ने काले पारंपरिक वस्त्र पहन रखे थे और उसका काला लंबा जल दूर तक जमीन पर फैला हुआ था  उसकी आंखें बेहद डरावनी और लाल थे  उसके चेहरे के भाव इतने भयानक थे  अनिल के लिए वहां खड़ा हो पाना कठिन हो रहा था 

 अचानक उस स्त्री ने अनिल की ओर चेहरा किया और क्रोध में उसकी ओर देखा  बिजली सी गति से वह अगले ही क्षणों में उसके सामने पहुंच गई थी  यह देख कर अनिल के हाथों से कैमरा छूटकर नीचे गिर गया और वह डर से वहीं बेहोश होगया  अगले दिन सुबह उसकी आंख खुली तो वह अमित के सामने होटल रूम में था हो गई तेरी मसालेदार रिकॉडिंग बुरी  अभी भी कुछ बाकी है  और हां भाई, होटल आकर भी तो सो सकता था  शमशान में कौन सोता है? मजाक मत कर, जो मैंने कल रात देखा  उसे बताने में भी मेरी आत्मा कांप रही है  देखे बिना कैमरे से पूरा वीडियो डिलीट कर दें

  अगर कुछ रिकॉर्डिंग होगा तभी तो डिलीट करूंगा  कुछ नहीं है तेरे कैमरे में  अरे तूने सोने के अलावा कुछ किया है वहां या भूतों के साथ नाइट आउट करने में बिजी रहा बस  सुबह तक भी जब तू नहीं लौटा तो मैं चिंता में शमशान की ओर बढ़ गया  वहां जाकर देखा तो जनाब मुंह खोले पड़े हुए हैं  हो गया एडवेंचर ट्रिप या कुछ और भी बाकि हैं  अमित की बात सुनकर, अनिल गहरी सोच में पड़ गया था  ऐसा कैसे हो सकता है कि कैमरे में कुछ रिकॉर्ड ही नहीं हुआ  उसने तो सब कुछ रिकॉर्ड किया था

  उसी रोज फ्लाइट लेकर दोनों मुंबई लौट आए थे  रात के तीन बज रहे थे  अनिल अपने कमरे में सोया हुआ था  तभी उसे अपने पैरों में कुछ सनसनाहट सी महसूस होने लगी  धीरे धीरे यह सनसनाहट पूरे बदन में फैलने लगी थी  अब यह सनसनाहट उसकी बर्दाश्त से बाहर हो रही थी  अनिल ने झटके से चादर को उठा कर देखा  उसके शरीर पर एक दो नहीं सैकड़ों छिपकलियां रेंग रही थी  यह दृश्य देखकर, अनिल ने पूरी ताकत लगाकर चिल्लाया और मिनट के चौथाई हिस्से से भी पहले कूदकर बेड से नीचे उतर गया  छिपकलियों को खुद से दूर भगा रहा था  उसके जिस्म का रो और डर से कांप रहा था  अभी भी उसे लग रहा था जैसे उसके शरीर पर छिपकलियां रेंग रही हों  वह बेसुध होकर अपने जिस्म को खरोच रहा था

  उसने अपनी टी शर्ट और पजामा भी उतार कर फेंक दिया था  अचानक उसका ध्यान आसपास की दीवारों पर गया  यह कौन सी जगह है? मैं यहां कैसे आ गया? छी, इतनी बदबू आ रही है कि गंदे कीड़े मकोड़ों से भरी जगह  लेकिन यहां कैसे मेरा दम घुट रहा है? यहां कोई है अनिल अपने कमरे में न होकर किसी अजीबो गरीब सी जगह पर था  यहां दीवारें, फर्श हर तरफ काई जमी थी  अंधेरे कमरे में जगह जगह से बदबूदार पानी टपक रहा था और आसपास असंख्य कीड़े मकौड़े रेंग रहे थे  अनिल घबराकर यहां से वहां दौड़ रहा था, लेकिन वहां से बाहर निकलने का कोई रास्ता उसे नजर नहीं आ रहा था

  धीरे धीरे आसपास घूमते कीड़े मकौड़े अनिल के शरीर पर चढऩे लगे थे  अनिल जोर जोर से रोने लगा था  कौन है यहां मुझे कौन लेकर आया है? जाने दो, मुझे जाने दो  कांपते हुए वह वहीं जमीन पर बैठकर अपना सर घुटनों में छिपाकर सिसकने लगता है  अनिल उठ यार उठ प्लीज  क्या हो गया है तुझे? क्या हाल बना रखा है? अनिल अचानक ही नींद से उठा  उसके बदन पर नामात्र के ही कपड़े थे  शरीर पर जगह जगह नीले काले निशान बने हुए थे  उसके अंदर से गंदी बदबू आ रही थी  अबे रात में गटर में सोने गया था  छी इतनी गन्दी बदबू? अपने सामने अमीत को बैठा देखकर फूट फूटकर रोने लगा  मेरे साथ कुछ हो रहा है, कुछ बहुत अजीब? मैं तुझे बता दूं तो भी यकीन नहीं करेगा


Nest Part To Be Continue...…

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