The Power Of Silence
Silence is source of great strength
दोस्तों महान आचार्य चाणक्य ने कहा था कि जिस व्यक्ति ने यह समझ लिया कि क्या, कब, कहां और कितना बोलना है उस व्यक्ति को सफल होने से कोई भी नहीं रोक सकता। ऐसे व्यक्ति की सफलता सुनिश्चित है। जिस तरह कमान से निकला हुआ तीर कभी लौट कर वापिस नहीं आता ठीक उसी तरह से मुंह से निकले शब्द कभी वापिस नहीं आते। शब्द और भाषा हथियार है और कमजोरी भी। सही समय पर सही शब्दों के प्रयोग से इंसान परेशानियों से बच सकता है। लेकिन बिना सोचे समझे बोले गए शब्द इंसान की मुसीबत को बढ़ा देते हैं। द्रोपदी का यह बोलना कि अंधे का पुत्र अंधा ही होता है। महाभारत के युद्ध का मुख्य कारण बना था। आज भी लोग अपनी जबान का इस्तेमाल दूसरों को नीचा दिखाने और खुद को बड़ा बताने के लिए करते हैं। लेकिन जो समझदार और सफल इंसान होते हैं वह यह अच्छी तरह से जानते हैं कि उन्हें किस वक्त, कितना और क्या बोलना है। मैं क्लीयर कर देता हूं कि साइलेंट रहने का मतलब यह नहीं है कि आपको पूरे दिन एक भी शब्द नहीं बोलना है। चुपचाप रहना है। मौन का मतलब है बेवजह शब्दों का प्रयोग नहीं करना है। जहां जरूरत है, वहां ही बोलना है। अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना है। तो दोस्तों आज के इस वीडियो में मैं आप लोगों को silence के छह ऐसे फायदे बताऊंगा जिन्हें जानने के बाद आप आज से ही नहीं बल्कि अभी से उतना ही बोलोगे जितनी आपको जरूरत होगी। दोस्तों, महान आचार्य चाणक्य अपनी चाणक्य नीति में बताते हैं कि उन्होंने अपने हजारों शत्रुओं को अपनी खामोशी से परास्त किया था। वह खामोश रहकर अपने शत्रुओं को विचारों में उलझाए रखते थे और सही समय आने पर वह अपने दुश्मनों को ईंट का जवाब पत्थर से देते थे।
No 1. Silence Get People Attention
silence यानी चुप्पी किस तरह लोगों की attention को grab करती है, यह बात आप इस उदाहरण से समझ सकते हो कि जब क्लास रूम में टीचर्स किसी विषय पर बात करते हैं तो स्टूडेंट्स उनकी बात को बिल्कुल ध्यान से सुनते हैं। लेकिन जब अचानक टीचर या स्पीकर बोलना बंद कर देते हैं तो सभी लोग आश्चर्य में पड़ जाते हैं। अरे क्या हो गया भाई, communication बंद क्यों हो गई? मैं जब स्कूल में था तब अकसर ऐसा होता था और I am sure आपके साथ भी ऐसा हुआ होगा। ठीक यही फॉर्मूला हमारे दैनिक जीवन में भी लागू होता है। जब आप अपने काम से काम रखते हो, दूसरों के मामले में दखल नहीं देते हो, ज़रुरत हो तभी बोलते हो तो लोगों का ध्यान आपके ऊपर जाता है और अगर आप कम बोलते हो, ज़रूरत हो तभी बोलते हो तो लोग आपकी बातों को ज्यादा महत्व देंगे। लोग आपकी बात को उन लोगों की तुलना में ज्यादा preference देंगे, ज्यादा याद रखेंगे जो लोग बिना जरूरत के चटर पटर बकबक करते रहते हैं।
No 2. Silence Helps in Negotiations
दोस्तों, शांत रहना। मोल भाव यानी negotiate करते वक्त आपकी बहुत ज्यादा हेल्प कर सकता है। बातचीत के दौरान जब आप अचानक चुप हो जाते हो और सामनेवाले इंसान को जवाब नहीं देते हो तो यह खामोशी उस दूसरे इंसान को यह सोचने पर मजबूर कर देती है कि आखिर आप क्या सोच रहे हैं? तो बस इसी चीज का आपको फायदा उठाना है। सामने वाले को यह सोचने दें कि आप क्या सोच रहे हैं। मैं आपको example के through explain करता हूं। मान लो आप कोई deal final कर रहे हो तो सामने वाली पार्टी को जल्दी से yes या फिर no कहने के जवाब मत दो। कुछ सेकंड का pause लो। आपकी चुप्पी सामनेवाले इंसान को परेशान करेगी और वह सामने वाला इंसान बोलकर आपकी इस खामोशी को भरना चाहेगा। उनको सारी बातें बोलने दें। इससे आपको बातचीत आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी और आपका साइड बातचीत के दौरान ज्यादा भारी रहेगा।
No 3. Silence Helps You To Build Trust
दोस्तों अगर आप एक मजबूत relationship build करना चाहते हो तो इससे पहले आपको trust यानी विश्वास बिल्ड करना होगा और विश्वास तभी बिल्ड होगा जब आप सामने वाले इंसान की बातों को ध्यान से सुनोगे। यानी बातचीत के दौरान बोलोगे कम और सुनोगे ज्यादा। ऐसा करने से दूसरे इंसान को लगेगा कि आप एक अच्छे इंसान हो। सामने वाले की बात को अच्छे से सुनते हो, किसी को भी नजरअंदाज नहीं करते हो और तभी तो वह आपकी बातों को अच्छे से सुनेगा और trust build होगा।
No 4. Get The Answers
दोस्तों आपने इसे कई सारे लोगों को देखा होगा जो कोई प्रश्न पूछने के बाद रुकते ही नहीं हैं, अपनी बकबक चालू रखते हैं या फिर दूसरे को बोलने का मौका ही नहीं देते। अगर आप भी ऐसा करते हो तो आपको दूसरे इंसान के perspective को जानने का मौका ही नहीं मिलेगा। लोग आपके प्रश्नों का जवाब ही नहीं देंगे। इसीलिए कोई भी प्रश्न पूछने के बाद आप silent हो जाओ, अपना opinion मत दो। लोगों का क्या opinion है? उस बात पर, उस प्रश्न पर यह जानने की कोशिश करो। शायद आपको कुछ नया सीखने को मिल जाए। कुल मिलाकर प्रश्न पूछने के बाद आप जितना जल्दी चुप हो जाओगे, आपको उतना जल्दी answer मिलेगा। स्वामी विवेकानंद जी जो अपनी बुद्धिमता और wisdom के कारण पूरी दुनिया में जाने जाते हैं, उनमें भी क्वालिटी देखने को मिलती है। वह अपने गुरु रामकृष्ण जी से जब भी कोई प्रश्न पूछते थे तो अपना opinion तो बाद में देते थे, लेकिन पहले प्रश्न पूछने के तुरंत बाद चुप हो जाते थे ताकि वह अपने गुरुदेव की क्या राय? उस प्रश्न को लेकर, उस बात को लेकर यह जान सके।
No 5. Soft Power
दोस्तों, silence एक soft power है। soft power से मेरा मतलब एक ऐसी power से है जिसकी help से आप सामने वाले से बिना लड़े उसे हरा सकते हैं। इसका सबसे बेहतरीन example है महात्मा गांधी जी जो कि सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चले थे और बिना लड़े ही उन्होंने अंग्रेजों को धूल चटाई थी। महात्मा गांधी जी जानते थे कि अगर हमने अंग्रेजों से लड़ाई की। हम उनसे कभी नहीं जीत पाएंगे। उन्होंने soft power का इस्तेमाल किया और अंग्रेजों को हराया। कई बार लड़ने से और झगड़ने से problem solve नहीं होती। चुप हो जाने से और शांत रहने से problem solve हो जाती है।
No 6. Thoughtful Silence
दोस्तों, The Quiet Book के author सुजैन केन अपनी बुक में बताते हैं कि thoughtful silence इंसान को कई सारी मुसीबतों से बचा सकती है। मेरा एक दोस्त लैपटॉप खरीदने जा रहा था तभी उसको रास्ते में बरसों पुराना एक दोस्त मिलता है जो उसको बोलता है कि तुम जहां लेपटॉप खरीदने जा रहे हो उसी के पास में घर है, वहां मेरा सामान डिलीवर कर देना। वह अपने दोस्त को ना नहीं बोलता है और उसका सामान ले लेता है। लेकिन जहां सामान डिलीवर करना था वह घर उस दुकान से काफी दूर था। उसका बहुत सारा समय बर्बाद हुआ उस item को डिलिवर करने में। बाद में जब वह दुकान पर पहुंचा तो वह दुकान बंद हो चुकी थी। उसे अपने दोस्त पर बहुत ज्यादा गुस्सा आया। इसीलिए हमें हमेशा हां नहीं कहना चाहिए। ना कहने की और silence की power को समझना चाहिए। तो दोस्तों इन सब बातों से आप यह तो समझ चुके होंगे कि silence में बहुत ज्यादा power है। silence की power को underestimate नहीं कर सकते। silence आपको बहुत सारी मुसीबतों से बचा सकती है और अगर आप भीं बताई गई बातों को अपने जीवन में उतारते हो जहां जरूरत है वहीं बोलते हो तो defiantly आपको बहुत ज्यादा फायदा होगा।
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