Dakini: Part-2 Disclosing The Brutal Truths About The Paranormal Beings | Horror Story

Unravelling the Dark Legends and Myths in Dakini Horror Story

The horror story Dakini

Overview of the Dakini

The dakini is a mythical being that has fascinated and frightened people for generations. She is a fascinating and enigmatic character who is engrained in Himalayan tradition. The dakini is portrayed in several cultures as a strong, otherworldly entity who wanders the spiritual worlds. Dakini horror stories invite us to explore the unknown and face our worst fears, thus we must be ready to come across tales that blur the boundary between the supernatural and the natural world.

Dakini: Part-2 Disclosing The Brutal Truths About The Paranormal Beings
Dakini Part 2


मुझे बचा लो भाई  मैं उस नरक से दुबारा नहीं गुजरना चाहत  उस पल को याद  करके  मेरे रोंगटे खड़े हो रहे हैं  शांत हो जा यार  तूने बस एक सपना देखा  इतना क्यों रो रहा है? और मेरी हालत सपने में हुई है क्या? भाई मेरी बात मान, कुछ न कुछ गड़बड़ ज़रूर हो रही है

 मेरे साथ  भाई ये एक  मेडिकल  कंडीशन है  तुझे ज़रूर नींद में चलने की बीमारी हो गई है तो ज़रूर नींद में चलकर कहीं पहुँच जाता है  डॉक्टर को दिखा और अच्छी नींद ले स्टूडियो का काम मैं देख लूंगा  अमित समझाइश की घुट्टी पिलाकर लौट गया था  लेकिन अनिल जानता था कि उसे कोई स्लीपिंग डिसऑर्डर नहीं है  अनिल कों आंखें बंद करने में भी डर लगता था  

खुली आंखों में भी उसे बार बार ऐसा लगता जैसे उसके शरीर पर कुछ रेंग रहा हो  वह डरा सहमा सा एक कोने में सिमट बैठा हुआ था  रगड़ रगड़ के नहाने के बाद भी वह बदबू जैसे उसका पीछा नहीं छोड़ रही थी  पूरा दिन यूं ही डरते सहमते हुए बीत गया था  रात के 11:00 बजे का समय था  अनिल की आंखें नींद से बोझिल हो रही थी 

 लेकिन कल रात के बाद से उसे सोने में बहुत डर लग रहा था  अनिल किसी भी तरह जागने का प्रयास कर रहा था, फिर भी तकरीबन 01:00 बजे उसकी आंखें बंद कर दी  फिर से उन्हें उसी बदबूदार सीलन और फंफूद भरी जगह पहुंच गया था  उसके शरीर पर घिनौने कीड़े और छिपकलियां रेंग रहे थे  अनिल पागलों की तरह चीख चीख कर उन कीड़े और छिपकलियां को खुद से दूर कर रहा था

 कि तभी वह किसी से टकरा जाता है  हड़बड़ाकर अनिल नजर ऊपर की तो देखा वही आठ फीट लंबे स्त्री भयानक चेहरे के साथ ठीक उसके सामने खड़ी हुई है  अनिल के होश फिर से गुम होने लगे और अचानक एक चीज के साथ उसकी आंख खुल गई, अनिल डर सहमा सा उठा, उसकी सांस में जैसे अटक सी रहे थे  बदन पर से कपड़े नोचे हुए थे और पूरे शरीर से गंदी बदबू आ रही थी  नाखून से नोचने के कारण जगह जगह से खून रिस रहा था 

डर उसके ऊपर ऐसा हावी हो गया था कि अगले 60 घंटे तक वह अपने कमरे में बिना सोए, बिना खाए यूं ही कोने में दुबका बैठा रहा  अब उसे काले कपड़े पहने हुए कोई स्त्री बार बार घर में यहां से वहां आतीजाती दिखाई दे रही थी  सो न पाने के कारण उसकी आंखें काली और गड्ढेदार हो गई थी  बैठे बैठे उसकी पलकें बंद हो रही थी 

 अनिल बेसुध सा हो गया था  कभी वह यहां वहां खुजलाता तो कभी अचानक से चौंककर अपने ऊपर से कुछ चटपटा  कभी दौड़ाकर बिस्तर से झांककर बाहर देखता तो कभी वापस बेड के कोने में आकर सिमट कर बैठ जाता  जागने की लाख कोशिश करने के बाद भी 60 घंटे के बाद, नींद के जोर में आकर 03:00 बजे वह एक तरफ लुढ़क गया था  तभी उसके चेहरे को कोई कोमल सा आंचल छूकर गया  अनिल को अपने चेहरे पर नरम मुलायम हाथ का स्पर्श महसूस होने लगा  अगले ही पल एकसुंदर स्त्री उसके आस पास घूमने लगी  वह इतनी खूबसूरत थी कि अनिल अपनी आंखें उससे हटा ही नहीं पा रहा था  ऐसा लग रहा था

 जैसे वह उसे रिझाने का प्रयास कर रही है  अनिल रूप में उलझ गया था  सम्मोहन ऐसा था कि उसे प्रिवेसी के रूप में पाने की कामना उसके मन में जोर मार रही थी  अचानक एक तेज आवाज में उसका ध्यान सुंदर स्त्री से हटाकर अपनी ओर खींचा  अनिल का मोबाइल लगातार रिंग कर रहा था  रिंग की आवाज से हनी ने आंखे खोली तो पाया जो कुछ भी वो महसूस कर रहा था वो एक मात्र एक सपना था  उसने हाथ बढ़ाकर अपना मोबाइल उठाया  दूसरी तरफ से उसके भाई का फोन था 

 मां नहीं रही भाई  मां नहीं रही, बस तू जल्दी से घर पर आजा फोन से आते  छोटे भाई की आवाज उसके दिमाग पर हथौड़े की तरह लगने लगी थी  ऐसे कैसे क्या हुआ मां को पता नहीं भाई, अचानक मां को एक उल्टी आई और उसी पल में भगवान को प्यारे हो गए  मां का अंतिम संस्कार करने के बाद वह अपने गांव पर ही कुछ दिन के लिए ठहर गया  

उस रात जब वह सोया तो फिर उसे वही भयानक सपना आया  अनिल पागलों की तरह चीख रहा था और अपने जिस्म को नाखून से खरोच रहा था  उसके शरीर से जगहजगह खून बह रहा था  अनिल की ऐसी हालत देखकर अनिल छोटा भाई बहुत घबरा गया और जल्दी से अपने चाचा को बुला लाया  अनिल का यह व्यवहार सामान्य नहीं है  कुछ तो हो रहा है  इसके साथ चाचा जी एक गिलास पानी लेकर अनिल के मुंह पर फेंकते हैं तो अनिल जैसे नींद से जाग जाता है

 अपने सामने छोटे भाई और चाचा को देखकर वह फूट फूट कर रोने लगता है  तुम क्या कर रहे थे? जाने क्या हो गया है तुम्हें? कैसी हालत बना रखी है  चाचा जी की बात सुनकर अब श्मशान घाट से लेकर अभी तक की सारी घटना उन्हें बता देता है  कोई बहुत बड़ी मुसीबत मोल ली है तुमने और मुझे  यह किसी प्लेट का काम नहीं लगता है  शायद हमें उसी अघोरी बाबा के पास जाना होगा  वही इस समस्या का समाधान बता पाएंगे  चाचा जी की बात सुनकर अनिल छोटे भाई, चाचा जी और अनिल तीनों अघोरी बाबा की तलाश में निकल जाते हैं  काफी पूछताछ करने के बाद उनको वही अघोरी साधु कुम्भ मेला में दिखाई पड़ते हैं  उनके पैर पकड़ लूंगा, माफी मांग लूंगा,

 बस एक बार सब ठीक कर दे  अनिल दौड़कर अघोरी बाबा के पास जाता है और हाथ जोड़कर रोने लगता है  मुझे माफ कर दो बाबा  मैंने आपकी साधना, आपकी शक्ति और आपकी बातों का बहुत मजाक बनाया  मैं नहीं जानता था कि वास्तव में ऐसी शक्तियां होती है  इसीलिए उस दिन मैंने आपका शमशान में पीछा किया और कैमरे लगाकर साधना करते हुए आपकी वीडियो रिकॉर्डिंग कर ली  लेकिन मुझे कुछ भी बताने की ज़रूरत नहीं है बेटा मैं सब जानता हूं

और तेरी सूरत देखकर यह भी समझ गया हूं कि उस दिन के बाद एक रात भी तो चैन से नहीं हो पाया है  ज़रूर तेरे घर में किसी अपने की मौत भी हुई होगी  बाबा की बात सुनकर अनिल के माथे पर पसीना आ गया  बाबा, आपकी एक एक बात बिल्कुल सच है  तो क्या मेरी मां की मौत भी इसी कारण हुई है? आप मुझे बताइए कि यह सब मेरे साथ क्यों और फिर कैसे मुझे इन सब से छुटकारा मिलेगा? तूने dakini साधना का मजाक उड़ाया है  हम पंथियों की सबसे बड़ी साधना है

 ये जो डाकिनी को साध लेता है  भूत प्रेत, तंत्र मंत्र जैसी सारी शक्तियां उसके गुलाम बन जाती हैं  dakini कोई प्रेत नहीं है  शमशान dakini एक प्रकार की ऊर्जा का स्वरूप है  साधक को वह स्त्री स्वरूप दर्शन देती है  लेकिन उसकी सिद्धि का सबसे पहला और अनिवार्य नियम यही है कि इसे एकांत में किया जाता है  साधना करते समय अगर कोई भी आस पास हुआ तो dakini उसे आशीर्वाद नहीं श्राप देती है  मेरी तीन दिनों की साधना को तूने उस दिन वीडियो रिकॉर्ड करके निष्फल कर दिया  मै अपनी साधना के अंतिम दौर में था dakini मेरे तप से प्रसन्न भी हो गई थी और जब वह प्रकट हुई तो उसकी नजर तुझ पर पड़ गई  डाकिनी सिद्धि में यदि डाकिनी प्रसन्न हो जाए तो वह तन, मन, धन, सांसारिक, भौतिक हर तरह का सुख लाकर दे सकती है

 किंतु यदि साधना के परिणाम स्वरूप उसे क्रोध आ जाए तो उसके क्रोध से कोई नहीं बच सकता है और तेरे बीच शक्तिशाली शमशान dakini लगी है  वह तुझे नर्क से भी ज्यादा यातना देगी, डराएगी और समय समय पर रूपवती बाला बनकर रिजाएगी भी  अगर उस समय तूने एक पल को भी dakini को अपनी प्रेमिका के रूप में कल्पना कर ली है तो वह तेरे परिवार के एक सदस्य को ले जाएगी  इसी तरह बारी बारी से वह तेरे परिवार के सभी सदस्यों को मार डालेगी और अंत में तुझे भी खत्म कर देगी  मेरे कर्मों की सजा मेरे परिवार को क्यों मिल रही है 

बाबा, कोई तो उपाय बताइए  मैं कुछ भी करने को तैयार हूं  तंत्र मंत्र और काली शक्तियों में dakini सबसे बड़ी शक्ति होती है  उस शक्ति से ऊपर कोई भी शक्ति नहीं है, इसलिए उससे तुझे कोई नहीं बचा  सकता है  फिर भी एक उपाय जरूर है लेकिन उसे निभा पाना बेहद कठिन है  बता कर पायेगा, चाहे जो उपाय हो मैं जरुर करूंगा  बाबा आप बस मुझे उपाय बताइए कि अबकी बार जब dakini तेरे सपने में रूपवती स्त्री बनकर आएगी तो तुझे तरह तरह से रिझाने की कोशिश करेगी  उस पल में तुझे अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखना है और उसे अपनी माता के रूप में देखना  हाथ जोड़कर उनके सामने नतमस्तक हो जाना और कहना मेरे लिए माता समान है

  इसके अलावा मेरे मन में आपके लिए और कोई भाव नहीं हो सकते  अगर dakini को तेरी बात पर भरोसा हो गया तो शायद वो तुझे छोड़कर चली जाएगी  और हां, dakini को चलने की भूल मत करना  नहीं तो अंजाम तू जानता है  अनिल बाबा को धन्यवाद देते हुए वहां से अपने घर लौट आता है  पिछले कुछ दिनों में उसके साथ जो कुछ भी हुआ था, उससे अनिल की हिम्मत बिल्कुल टूट सी गई थी  उस रात तकरीबन 01:00 बजे तक जागता रहा  फिर मोबाइल देखते हुए उसे कब नींद आई उसको पता ही नहीं चला  अनिल नींद में फिर से उसी गंदी जगह पर पहुंच गया था

 वह घबराया सा एक कोने में खड़ा था  तभी उसे अपने हाथों पर एक कोमल स्पर्श महसूस हुआ और अनिल मुड़कर देखा तो सामने डाकिनी सुंदर मनमोहक रूप में खड़ी हुई थी  उसकी पोशाक, बाल, चेहरा सब इतने मादक थे कि कोई भी पुरुष उसके सम्मोहन से खुद को रोक नहीं सकता था  अनिल को बाबा की कही बात याद आ गई और उसने तुरत हाथ जोड़कर उससे निवेदन किया, आप मेरे लिए मेरी माता के समान हैं  आप मुझसे हुई गलती के लिए मुझे क्षमा कर दीजिए  क्या कर रहे हैं? अब मैं तुम्हारी माता कब से हो गई अपनी गर्लफ्रेंड को मां कौन बोलता है, 

मैं जा रही हूं  अगर ब्रेकअप ही करना था तो वैसे ही बोल देते तो  डिम्पल तुम कब आई में सपना दिख रहा था  अरे तुम्हें किसने माता कहा? तुम तो मेरी जान हो  कहते हुए डिम्पल की कमर में हाथ डाल दिया  अगले ही पल डिम्पल भयानक रूप में बदलने लगी और dakini साक्षात् अन्याय के सामने आ गई ये तेरा इम्तिहान था  तू परीक्षा में विफल हुआ  एक पल के लिए भी तेरे मन से भोग नहीं गया  तू मुझे छलने चला था  इतना कहते ही dakini उग्र रूप में आ गई 

 अपनी बरसाती आंखों से उसने अनिल की ओर देखा और वहां से गायब हो गई  अगली सुबह एक और मनहूस खबर लेकर आई थी  अनिल के छोटे भाई अंकुर की भी रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई थी  भाई की मौत की खबर सुनकर अनिल कई घंटों तक अकेले में बैठा रोता रहा  इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर सका और उसने रस्सी से फंदा बनाकर अपने गले में डाल दिया और फांसी से झूल गया

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