Criminal Justice Adhura Sach: Horror Story

Criminal Justice Adhura Sach: Horror Story

Introduction

Some examples stand out as terrifying reminders of the precarious balance between truth and deception in the maze-like criminal justice system. One such terrifying occurrence is referred to as "Adhura Sach," which means "Unfinished Truth." This phrase captures the eerie accounts of crimes when the truth is unclear and justice seems like a far-off mirage. In this article, we explore the compelling story of a particular "Adhura Sach" case, exposing the intricacies and shortcomings of the legal system.

Criminal Justice Adhura Sach
Criminal Justice Adhura Sach

बोर्डिंग स्कूल अपने घर से दूर एक ऐसी जगह जहां शायद कोई भी आपका अपना नहीं होता इसी बीच अगर आपके साथ कोई अनहोनी हो जाए तो आप कहां जाएंगे ऐसा ही कुछ हुआ ऊटी के नीलगिरी वैली बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहे एक नए स्टूडेंट वेदांत के साथ, जब उसके शरीर पर एक भयानक आत्मा ने कब्जा कर लिया और उसके बाद स्कूल में कुछ ऐसी खौफनाक घटनाएं होने लगी जो किसी भी नॉर्मल इंसान की सोच से भी परे थी लेकिन क्या हुआ ऐसा उस बोर्डिंग स्कूल में जानने जानेंगे हम इस स्टोरी में स्कूल में आत्मा और पैरानॉर्मल एक्टिविटीज के होने की ऐसी कई घटनाएं हैं जो आपके होश उड़ा देंगी और हमारी आज की कहानी भी शिमला के एक बोर्डिंग स्कूल में हुई एक ऐसी ही सच्ची घटना पर बेस्ड है

 मुंबई में रहने वाले सिड और नेहा की शादी को दो साल होने वाले थे वो पहली बार तब मिले थे जब दोनों क्लास इलेवंथ में थे और शिमला के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहे थे दोनों को तभी एक दूसरे से प्यार हो गया और तभी से वो दोनों एक साथ थे अब करीब 10 साल बाद वो अपनी एलुमिनाई मीट यानी अपने स्कूल रीयूनियन के लिए वापस अपने पुराने बोर्डिंग स्कूल जा रहे थे लेकिन उन्हें नहीं पता था

 कि इस बार कौन सा बुरा साया उनका इंतजार कर रहा है स्कूल पहुंचते ही सिड और नेहा का स्वागत स्कूल के सीनियर्स ने किया और उन्हें ग्रीट करके वो उन्हें ऑडिटोरियम तक ले गए जहां प्रिंसिपल ने सभी एलुमनाई का वेलकम किया और पार्टी शुरू करने का ऑर्डर दिया और नेहा को पार्टी में बहुत मजा आ रहा था

 उन्होंने खूब डांस किया और ढेर सारी पिक्चर्स क्लिक की नेहा डांस करते करते थोड़ी थक गई तो इसलिए वो साइड में आकर एक चेयर पर बैठ गई और सभी को इंज्वॉय करते हुए देखने लगी तभी उसकी नजर भीड़ के पीछे खड़े एक लड़के पर गई जोकि उसी को देख रहा था उस लड़की का हुलिया काफी अजीब था उसकी आंखों के नीचे काले धब्बे थे स्किन पीली पड़ी हुई थी और चेहरे पर अजीब सी उदासी थी

 नेहा को उस बच्चे की शक्ल कुछ जानी पहचानी लग रही थी मगर उसे ठीक से याद नहीं आ रहा था कि आखिर उसने उस बच्चे को कहां देखा था देखते ही देखते वो बच्चा वहां से गायब हो गया नेहा बेहद चौंक गई वह उठ खड़ी हुई और हर तरफ उस बच्ची को ढूंढने लगी अचानक उसने देखा कि वो बच्चा ऑडिटोरियम से बाहर निकल रहा था तो नेहा ने भी उसका पीछा किया पीछा करते करते नेहा अपने स्कूल के बेसमेंट की पुरानी आर्ट रूम तक पहुंच गई जैसे ही अंदर घुसी उसकी यादें ताजा हो गई यह वही रूम था 

जहां सिड और नेहा अपनी क्लास बंक करके एक दूसरे से मिलने आया करते थे नेहा वहां पड़ी चीजें देखने लगी कि तभी आर्ट रूम का दरवाजा जोर से खुद ब खुद बंद हो गया नेहा थोड़ा घबरा गई वो दरवाजे की ओर गई और उसे खोलने की कोशिश करने लगी उसे उस रूम में अजीब सी घुटन होने लगी थी जैसे किसी केमीकल की हैट उसकी नाक में चढ़ रही थी तभी नेहा को किसी के रोने की आवाजें आने लगी वो आवाजें उसके पीछे से आ रही थी वो पलटी और उसने देखा कि वही बच्चा आर्ट रूम के कॉर्नर में बैठा रो रहा था

 उसने अपना चेहरा अपने हाथों से छुपाया हुआ था नेहा ये देखकर और ज्यादा डर गई और वह दरवाजे को जोर जोर से नॉक करने लगी और चिल्लाने लगी जब उसने दोबारा पीछे पलटकर देखा तो वो बच्चा अब वहां नहीं बैठा था वो दरवाजे की तरफ मुड़ी और तब जो उसके साथ हुआ उसे देख उसकी रूह कांप गई वो बच्चा दरवाजे के ऊपर क्रॉल करता हुआ उसकी तरफ आ रहा था उसका चेहरा बदलकर बिल्कुल एक राक्षस जैसा हो गया था नेहा बहुत जोर से चिल्लाई और इतना डर गई कि वो अपने होश खो बैठी नेहा वहीं बेहोश होकर नीचे गिर पड़ी जब उसकी आंख खुली तो वो स्कूल के एक हॉस्टल रूम में थी

 और सिड उसके पास ही बैठा हुआ था नेहा को बहुत तेज बुखार चढ़ा हुआ था वो अचानक से उठी और हड़बड़ी में जो भी उसके साथ उस रूम में हुआ वो सब वो सिड को बताने लगी सिड ने उसे कहा कि वो ये सब ना सोचे और बस रेस्ट करे इसके बाद सिड नेहा के लिए डिनर ले आया और उसे खाना खिलाकर सुला दिया नेहा के सोने के बाद सिड वॉशरूम की तरफ जाने लगा वो कॉरिडोर से गुजर ही रहा था कि अचानक उस कॉरिडोर की लाइट्स क्लिक करने लगी वो एक पल के लिए वहीं ठहर गया और लाइट्स की तरफ देखने लगा फिर वो उसे इग्नोर कर वॉशरूम चला गया वॉशरूम में सिड को ऐसा लगा जैसे उसके अलावा भी वहां कोई मौजूद था

 उसे एक अलग सी ठंडक महसूस हो रही थी वो अपने हाथ धो रहा था जब वॉशरूम की लाइट्स भी अचानक से क्लिक करने लगी इस बार सिड थोड़ा सहम गया और जल्दी से वॉशरूम से बाहर निकलने लगा मगर किसी इनविजिबल शक्ति ने सिड को पीछे से बहुत जोर से खींचा और सिड दीवार से टकराकर जमीन पर गिर पड़ा उसके सामने वही बच्चा खड़ा था, 

जो पहले नेहा ने आर्ट रूम में देखा था उसे देखकर सिड की रूह कांप उठी और वो अचानक से बोला, मोहन तुम ये सुनते ही वो बच्चा बहुत ज़ोर से चीखा और उसने सिड का गला पकड़ लिया और उसे जोर जोर से दबाने लगा सिड भी चिल्ला उठा और तभी वॉशरूम में हॉस्टल का वॉर्डन आ गया और उसने सिड को वॉशरूम पर तड़पता हुआ पाया सिड के अलावा वहां कोई नहीं था वॉर्डन ने सिड को शांत कराया और उसे वापस उसके रूम तक ले गया लेकिन जैसे ही वो दोनों उस हॉस्टल रूम के अंदर घुसे, उनका दिल बुरी तरह दहल उठा उन्होंने अपने सामने नेहा को पंखे से लटका हुआ पाया यह देखकर सिड बुरी तरह चिल्लाया और रोने लगा मगर वॉर्डन ने जल्दी से नेहा की टांगे पकड़ी और उसे पंखे से नीचे उतार लिया उसकी सांसे अभी भी चल रही थी

 इसके बाद नेहा को हॉस्पिटल में एडमिट करा दिया गया जहां वो चार दिन तक रही और फिर होश में आई नेहा के ठीक होने के बाद सिड ने उसे बताया कि उसने उसी बच्चे को वॉशरूम में देखा था, जिसकी बात नेहा कर रही थी सिड को बच्चा अच्छे से याद था उसने नेहा को याद दिलाया कि जब वो दोनों 11th क्लास में थे तब मोहन सिड का बेस्ट फ्रेंड हुआ करता था नेहा स्कूल में नई आई थी सिड और मोहन दोनों को ही नेहा बहुत पसंद आ गई थी और इसी वजह से सिड और मोहन की दोस्ती टूट गई थी सिड ने जल्द ही नेहा को डेट करना शुरू कर दिया था मगर ये बात मोहन को बिल्कुल पसंद नहीं आई एक साइको जैसे वो नेहा को स्टॉक करने लगा था

 सिड से हाथापाई करने के बहाने भी ढूंढता था जब ये सब करने के बाद भी नेहा ने उस पर ध्यान नहीं दिया तो एक दिन मोहन ने अपने हॉस्टल के कमरे में पंखे से लटक कर अपनी जान दे दी इस हादसे के बाद सिड नेहा को लेकर वापस अपने घर लौट गया मगर आज भी वहां रोज रात में उस बच्चे की भयानक शक्ल के बुरे सपने आते हैं।


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