The Cursed Vengeance: Stree 2

Stree 2: The Malevolent Return

दिवाली के दिन हम सभी कितने खुश होते हैं सालभर का सबसे बड़ा त्योहार होता है, जिसे हर परिवार बहुत धूमधाम से मनाता है लेकिन क्या हो अगर हम आप से कहें कि मणिपुर के गांव के लोग दिवाली के दिन अपने घर से बाहर नहीं निकलते क्या हो अगर हम आप से कहें कि एक ऐसा गांव है जहां दिवाली खुशी का नहीं बल्कि खौफ का त्योहार होता है

Stree 2
मनीपुर के उस गांव में अब से लगभग 400 साल पहले एक बेहद सुंदर stree रहा करती थी जिसे काला जादू आता था गांव वालों को उसके बारे में पहले से पता था लेकिन कोई भी उसे रंगे हाथों नहीं पकड़ पाता था उस stree ने गांव के एक हट्टे कट्टे पहलवान से शादी कर ली थी, जो पूरी तरह से उसके वश में था

उस औरत के दो बच्चे थे जोकि उसे बहुत प्यारे थे वह अपने बच्चों पर black magic करती थी ताकि उसके बच्चों के पास भी काली शक्तियां आ सकें और वह आगे चलकर उस गांव पर राज कर सके यह बात किसी तरह से गांव वालों को पता लगती इसलिए गांव वालों ने मिलकर उसके दोनों बच्चों को छुड़ा लिया और उन्हें बांधकर नदी में फेंक दिया

वह अपने बच्चों को शाम को खोजते हुए नदी के पास पहुंचे तभी उसे नदी के बीच में तैरती हुई उसके बच्चों की लाशें दिखाई दी stree बच्चों की लाशें देखकर ज़ोर जोर से रोने लगी और उसने कहा कि वह उन सब से बदला लेगी जिन लोगों ने उसके बच्चों को मारा है अब उस दिन से वो stree रोज रात को अपने पति के साथ बाहर निकलती और गांव के बच्चों को चोरी करके अपने घर ले आती इसके बाद उन्हें सुलाकर उनमें अपने बच्चों की आत्मा डालने की कोशिश करती

उसका black magic अभी इतना भी मजबूत नहीं था कि वह किसी मरे हुए इंसान को जिंदा कर सके इसीलिए बहुत बार वह अपने बच्चों की आत्मा को दूसरे बच्चों के शरीर में डालने में नाकामयाब हो जाती थी, जिससे उन बच्चों की मौत हो जाती थी

गांव के सारे बच्चे जब एक एक करके गायब होने लगे तो उन गांव वालों को शक हो गया कि जरूर औरत ही उन्हें ले जाती होगी लेकिन दिवाली की रात उन गांव वालों का शक यकीन में बदल गया उस रात उस औरत के घर से अजीबो गरीब आवाजें आ रही थीं गांव के कुछ लोगों ने उस डायन के घर के पास जाकर उसके घर में झांकना शुरू कर दिया उन्होने देखा कि वह दो बच्चों को जलती हुई आग की बगल में बांधकर कुछ मंत्र पढ़ रही थी

गांव वालों को जिस मौके का इंतजार था वह उन्हें मिल गया तो पूरी तैयारी के साथ उसके घर में घुसे और उस औरत को और उसके पति को एक खंभे से बांध दिया वह औरत चिल्ला चिल्ला के बोल रही थी कि आज वह दिन था

जब उसके बच्चे उसे वापिस मिल जाते वह गांव वालों से भीख मांग रही थी कि वह उसे छोड़ दे लेकिन गांव वालों ने उसकी एक नहीं सुनी दिवाली का दिन था तो गांव वालों ने सोचा कि वह उस डायन को पटाखों से जलाकर मार देंगे उन लोगों ने उसे और उसके पति को पटाखों से लपेट दिया और उन पटाखों में आग लगा दी पटाखे जोर जोर से बज रहे थे और उन दोनों के कपड़ों ने आग पकड़ ली उसका पति वहीं जलकर राख हो गया लेकिन डरने की बात ये थी

अब वो और चिल्ला नहीं रही थी वो हल्की आवाज में कुछ बोले जा रही थी जैसे मन ही मन कुछ मंत्र पढ़ रही हो गांव वालों ने इस पर ध्यान नहीं दिया और वहां से चले गए और यही उनकी सबसे बड़ी गलती थी stree जो मंत्र पढ़ रही थी उससे वो मरकर भी इतना जिन रस्सियों से उसे बांधा गया था वह रस्सियां जलकर खुल गई और वह औरत आजाद हो गई वह अब भी जल रही थी

उसका शरीर तप हो रहा था, लेकिन वह खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी घटना स्थल पर stree हंसते हंसते जाकर नदी में कूद गए गांव वालों को लगा कि वह मर चुकी है पर उन्हें नहीं पता था कि उस रात वह फिर उससे मिलेंगे जिन गांव वालों ने उसे जलाया था, देर रात उन सब गांव वालों के घर के दरवाजे पर जोर जोर से ठक ठक हुई जब गांव वालों ने उसे देखा तो वह उसका हुलिया देखकर कांप उठे

वह stree अब पूरी तरह से एक जिंदा लाश बन चुकी थी उसे मारना शायद असंभव था उन सभी ने अपनी जान की भीख मांगी लेकिन उसने किसी को नहीं छोड़ा उस रात के बाद से हर दिवाली को वो और उस गांव में दिखाई देती है पूरे गांव में जो भी आदमी सबसे पहले पटाखे जलाता है उसके घर के बच्चों को उठा ले जाती है

 इस दिवाली जब आप अपने परिवार के साथ सेलिब्रेट करें तो याद रखिए कि आप कितने खुशनसीब हैं जो आप उस गांव में पैदा नहीं हो सकते

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